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Sunday, July 19, 2020

श्री राम की नगरी आस्था के समंदर में गोते लगाने को तैयार। **************************************अयोध्या (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की घड़ी निकट आने के साथ ही संत समाज में उत्सुकता और उत्साह की लहर गोते लगाने लगी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविन्द देव गिरी ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो। इसकी अभिलाषा संत समाज सदियों से कर रहा है। अब यह सपना साकार होने का समय निकट आ गया है।महंत गिरी ने शनिवार शाम श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भाग लेने के बाद कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण हो। हम सबका विशेष आग्रह था। प्रधानमंत्री स्वयं आकर भूमि पूजन करें जो इस आग्रह को उन्होंने स्वीकार कर लिया। राम मंदिर भव्यतम हो इससे सभी सहमत हैं फिर भी जिस मॉडल को देश के प्रतिष्ठित संतों ने स्वीकार किया था उसे पूरी तरह बदलना संभव नहीं है। पुणे महाराष्ट्र से आये वयोवृद्ध संत गिरी ने बताया कि परिसर का विकास महत्वपूर्ण विषय है। परिसर में सीता रसोई पहले से थी। उसी रसोई को मंदिर का स्वरूप देकर प्रसाद वितरित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का भूमि पूजन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाना है जिससे देश के रामभक्तों में खुशी की लहर है।इस बीच रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की दूसरी बैठक में शामिल होने हरिद्वार से अयोध्या पहुंचे युग पुरुष स्वामी परमानन्द महाराज ने कहा कि पांच अगस्त की भूमि पूजन का प्रस्ताव है जिसमें प्रधानमंत्री का आगमन होगा। बैठक के एजेंडे में राम मंदिर के साथ भगवती सीता के मंदिर निर्माण का भी प्रस्ताव था। रामजन्मभूमि परिसर के विस्तार के अलावा राम मंदिर को भव्यता देने पर भी विचार किया गया। राम मंदिर को देश ही नहीं बल्कि विश्व का अद्वितीय मंदिर होना ही चाहिये। उन्होंने कहा कि आंदोलन काल में अयोध्या, मथुरा, काशी तीनों एक साथ लेने की बात होती थी लेकिन अब केवल राम मंदिर की बात हो रही है। ।

बिजली विभाग में विकास दूबे की दहशत, 3 AC, 12 पंखे, 20 CCTV फिर भी बिल मात्र 450 रुपए ******************************** कानपुर (मानवी मीडिया): मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दूबे को लेकर एक और खुलासा हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिजली विभाग भी विकास दुबे के आगे नतमस्तक था। विकास दुबे के घर में एसी, फ्रिज सहित सबमर्सिबल औऱ बिजली के तमाम उपकरण लगे हुए थे लेकिन इसके बावजूद भी उसके घर का बिल महज 450 रुपए आया था। विकास दुबे की कोठी में बिजली से संचालित होने वाले उपकरणों की बात करें तो इनमें तीन एयर कंडीशनर (एसी), 30 के करीब बल्ब, एक सबमर्सिबल, तीन एलईडी टीवी. दो रेफ्रिजेटर, एक दर्जन से अधिक पंखों के अलावा 20 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए थे। इतने साले बिजली से चलने वाले उपकरणों के बावजूद भी घऱ का बिल महज 450 रुपये आया है। भरपूर बिजली का इस्तेमाल होने के बावजूद भी दुबे के घर में 1 किलोवाट का बिजली मीटर लगा हुआ था। जो बिल आया है उसमें बेसिक चार्ज और कुछ रीडिंग ही बिल दिखाया गया है। सब स्टेशन के रिकॉर्ड बताते हैं कि विकास के कनेक्शन का बिल जमा हो जाता था। यह नहीं पता कि विकास जमा करता था या फिर कोई दूसरा जमा कर आता था।बिजली विभाग के कर्मचारियों की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो विकास की कोठी में जाकर चैक कर सकें कि कितनी बिजली की खपत वहां हो रही है। विकास की दबंगई का ही आलम था कि कोई भी सरकारी या शासकीय कर्मचारी/अधिकारी उस पर हाथ डालने से डरता था। इतना ही नहीं विकास के जो गुर्गे थे उनके यहां भी मीटर नहीं लगा था।..विकास दुबे के घर में बिजली का एक ट्रांसफॉर्मर भी बरामद हुआ है। विकास दुबे के घर एक किलोवॉट के कनेक्शन पर तमाम बिजली के उपकरण चलने के बारे में जब एसडीओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हो सकता है कि विकास दुबे इन्हें जनरेटर से चलाता हो। जेई और दूसरे कर्मचारी मीटर लगाने या लोड चेक करने क्यों नहीं गए, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अब गांव में टीम भेज कर सभी घरों में लोड और मीटर चेक किया जाएगा। फिलहाल बिजली विभाग भी जांच में जुट गया है। कहा जा रहा है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

नकली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए बड़ा कदम, अब QR Code से होगी सभी फार्मास्युटिकल उत्पाद की बिक्र. *************************************** नई दिल्ली (मानवी मीडिया) देश में नकली दवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत अब सभी फार्मास्युटिकल उत्पादों को क्यूआर कोड के जरिए बेचा जाएगा। इससे नकली दवा और नकली फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट की बिक्री बंद हो जाएगी। इस सिलसिलें में केंद्र सरकार ने एक कमिटी गठित की है, जो जल्द ही एक क्यूआर कोड को लेकर एक अधिसूचना जारी कर सकती है। प्रतीकात्मक तस्वीरसरकार का कहना है कि इस क्यूआर कोड के जरिए यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि दवा कहां बनी है और क्या दवा के फॉर्मूले के साथ कोई छेड़छाड़ की गई है। सरकार साल 2011 से ही इस सिस्टम को लागू करने की मेहनत कर रही थी लेकिन फार्मा कंपनियों के बार-बार मना करने की वजह से इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया। फार्मा कंपनियां इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित थी कि वो अलग-अलग सरकारी विभाग अलग-अलग दिशा निर्देश जारी करेंगे। अब ... बता दें कि कंपनियों की मांग थी कि देशभर में एक समान क्यूआर कोड लागू किया जाए, जिसके बाद साल 2019 में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने एक ड्राफ्ट तैयार नोटिफिकेशन जारी किया। इस नोटिफिकेशन के तहत एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडेएंट्स (API) के लिए क्यूआर कोड जरूरी कर दिया गया।केंद्र सरकार की ओर इस नीति पर काम शुरू हो चुका है, पिछले ही हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय, नीति आयोग और फार्मास्युटिकल विभाग के प्रतिनिधियों ने बैठक की। बैठक के बाद स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाई गई, जो 21 दिन में अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौपेंगी।

छह हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए कैबिनेट तैयार **************************** नई दिल्ली (मानवी मीडिया): भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा प्रबंधित छह और हवाई अड्डों को निजी हाथों में सौंपने संबंधी प्रस्ताव को इसी महीने मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने की उम्मीद है।एएआई के निदेशकमंडल ने अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिचि हवाई अड्डों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी हाथों में सौंपने की मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 01 मई को नागरिक उड्डयन क्षेत्र के मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में इन हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए प्रक्रिया तेज कर तीन महीने के भीतर निविदा जारी करने का निर्देश दिया था। एएआई के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि दूसरे चरण के तहत इन छह हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए कैबिनेट नोट तैयार हो चुका है। इसी महीने इस संबंध में प्रस्ताव मंत्रिमंडल के विचार के लिए रखा जायेगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद निविदा जारी कर दी जायेगी।उन्होंने बताया कि पिछले साल फरवरी में पहले चरण के तहत लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम् और गुवाहाटी हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए बोली प्रक्रिया पूरी की गयी थी। सभी छह हवाई अड्डों के लिए अडाणी समूह का चयन किया गया था। इनमें अहमदाबाद, लखनऊ और मेंगलुरु हवाई अड्डों का प्रबंधन 50 साल के लिए अडाणी समूह को सौंपा जा चुका है जबकि अन्य तीन हवाई अड्डों का प्रबंधन भी कंपनी को जल्द सौंपें जाने की उम्मीद है। कानूनी पेंच की वजह से जयपुर, तिरुवनंतपुरम् और गुवाहाटी हवाई अड्डों का प्रबंधन अडाणी समूह को अब तक नहीं सौंपा जा सका है।सरकार ने हवाई अड्डों का प्रबंधन निजी कंपनियों को सौंपने की योजना को ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ में भी शामिल किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज की घोषणा करते हुये कहा था कि इससे हवाई अड्डा कारोबार में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जा सकेगा। पहले चरण में जिन छह हवाई अड्डों के लिए निविदा जारी की गई थी उनका सम्मिलित सालाना राजस्व एक हजार करोड़ रुपये और मुनाफा 540 करोड़ रुपये था जबकि निजीकरण से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को एकमुश्त 2,300 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। दूसरे चरण को मिलाकर 12 हवाई अड्डों पर निजी संचालक कंपनियों द्वारा 13,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।

बॉलीवुड को एक और झटका, इस बड़े डायरेक्टर का हुआ निधन ******************************* *मुंबई (मानवी मीडिया): बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। जाने-माने फिल्म डायरेक्टर रजत मुखर्जी का निधन हो गया। उनका निधन बीती रात जयपुर में हुआ है। बताया जा रहा है कि उन्हें अप्रैल महीने से ही किडनी में कुछ परेशानी थी, जिसके चलते वो अस्पताल में भर्ती हुए थे। वहीं रजत मुखर्जी के निधन की खबर ने इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया है। ये खबर सुनकर अभिनेता मनोज बाजपेयी भी सदमे में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये रजत मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।बॉलीवुड को एक और बड़ा झटका, डायरेक्टर रजत मुखर्जी का निधन, मनोज बाजपेयी ने दी श्रद्धांजलि रजत मुखर्जी के निधन पर अभिनेता मनोज बाजपेयी ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि मेरे दोस्त और रोड के निर्देशक, रजत मुखर्जी का आज तड़के जयपुर में बीमारी के साथ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। रजत की आत्मा को शांति प्रदान हो। फिर भी हम विश्वास नहीं कर सकते हैं कि हम कभी भी नहीं मिलेंगे या अपने काम पर कभी भी चर्चा नहीं करेंगे। खुश रहें जहां भी रहें।रजत मुखर्जी के निधन पर हसंल मेहता ने ट्वीट किया कि अभी एक प्रिय मित्र के निधन के बारे में खबर मिली। प्यार तूने क्या किया और रोड के रजत मुखर्जी बॉम्बे में हमारे शुरुआती, शुरुआती संघर्षों के एक दोस्त थे। कई भोजन, ओल्ड मॉन्क की कई बोतलें खत्म हुईं और कई अगली दुनिया में होनी है। प्रिय मित्र तुम याद रहोगे।बता दें कि रजत मुखर्जी मुंबई में रहते थे, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद से वो अपने शहर जयपुर चले गए थे। वहीं शनिवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली है। वो किडनी से जुड़ी बीमारी से तो जूझ ही रहे थे, लेकिन इसके साथ ही उन्हें फेफड़ों में इनफेक्शन होने की बात भी सामने आई है। निर्देशक रजत मुखर्जी अपनी फिल्म प्यार तूने क्या किया, रोड, लव इन नेपाल और उम्मीद जैसी कई फिल्मों के लिए जाने जाते थे। ।

5 अगस्‍त को होगा अयोध्‍या में राम मंदिर का भूमि पूजन, PM मोदी भी हो सकते हैं शामिल | *********************************अयोध्या मानवी मीडिया:) दशकों के लंबे इन्तजार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त निकल आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कर सकते हैं। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि 5 अगस्त पीएम मोदी के अयोध्या जाने की संभावना है। लेकिन अभी इसकी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को तीन और पांच अगस्त की तारीख भेजी गई थी। सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने 5 अगस्त को चुना है। बताते चलें कि पांच अगस्त को हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्र पक्ष द्वितीय का दिन है। प्रधानमंत्री के अलावा भूमि पूजन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगा आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे।अयोध्य: राम मंदिर के लिए भूमि पूजन की तारीख 5 अगस्त तय, पीएम मोदी भी हो सकते हैं शामिल राम मंदिर परिसर का दायरा करीब 100 से 120 एकड़ तक का होगा। इसके निर्माण में 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे और बनने में करीब साढ़े तीन वर्ष का समय लगेगा।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद से ही देश विदेश के राम भक्तों में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने का इन्तजार था। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण और चीन के साथ सीमा विवाद की वजह से प्रधानमंत्री की तरफ से समय नहीं मिल पा रहा था।उधर, संतों की ओर से हो रही मंदिर के विस्तार की मांग को भी ट्रस्ट ने गंभीरता से लिया। बैठक में तय किया गया कि मंदिर का मॉडल तो विहिप का ही रहेगा, लेकिन उसे और भव्यता देने के लिए डिजाइन का विस्तार किया जाएगा। अब मंदिर में तीन की जगह पांच गुंबद होंगे। इससे उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को भूमि पूजन के लिए तीन और पांच अगस्त की तारीख भेजी गई है। इन दोनों में से जिस पर भी तारीख पर वो सहमति जताएंगे उस दिन राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। इसमें तीन की बजाय पांच गुंबद अब बनाए जाएंगे।कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर के नक्शे में मौलिक रुप से कोई बदलाव नहीं किया जाएगा लेकिन विस्तार देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस बदलाव में मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी जो कि धरातल से 128 फीट के बजाए अब 161 फीट होगी। इसी तरह मंदिर के उत्तर-दक्षिण हिस्से का भी विस्तार किया जाएगा। इसके कारण गुम्बदों की संख्या तीन से बढ़कर पांच हो जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी ने जनपद कन्नौज में एक सड़क दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया सभी घायलों का समुचित उपचार कराया जाए ***********************************लखनऊ: (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कन्नौज में एक सड़क दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे में घायल हुए लोगों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं।

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