श्री राम की नगरी आस्था के समंदर में गोते लगाने को तैयार। **************************************अयोध्या (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की घड़ी निकट आने के साथ ही संत समाज में उत्सुकता और उत्साह की लहर गोते लगाने लगी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविन्द देव गिरी ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो। इसकी अभिलाषा संत समाज सदियों से कर रहा है। अब यह सपना साकार होने का समय निकट आ गया है।महंत गिरी ने शनिवार शाम श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भाग लेने के बाद कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण हो। हम सबका विशेष आग्रह था। प्रधानमंत्री स्वयं आकर भूमि पूजन करें जो इस आग्रह को उन्होंने स्वीकार कर लिया। राम मंदिर भव्यतम हो इससे सभी सहमत हैं फिर भी जिस मॉडल को देश के प्रतिष्ठित संतों ने स्वीकार किया था उसे पूरी तरह बदलना संभव नहीं है। पुणे महाराष्ट्र से आये वयोवृद्ध संत गिरी ने बताया कि परिसर का विकास महत्वपूर्ण विषय है। परिसर में सीता रसोई पहले से थी। उसी रसोई को मंदिर का स्वरूप देकर प्रसाद वितरित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का भूमि पूजन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाना है जिससे देश के रामभक्तों में खुशी की लहर है।इस बीच रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की दूसरी बैठक में शामिल होने हरिद्वार से अयोध्या पहुंचे युग पुरुष स्वामी परमानन्द महाराज ने कहा कि पांच अगस्त की भूमि पूजन का प्रस्ताव है जिसमें प्रधानमंत्री का आगमन होगा। बैठक के एजेंडे में राम मंदिर के साथ भगवती सीता के मंदिर निर्माण का भी प्रस्ताव था। रामजन्मभूमि परिसर के विस्तार के अलावा राम मंदिर को भव्यता देने पर भी विचार किया गया। राम मंदिर को देश ही नहीं बल्कि विश्व का अद्वितीय मंदिर होना ही चाहिये। उन्होंने कहा कि आंदोलन काल में अयोध्या, मथुरा, काशी तीनों एक साथ लेने की बात होती थी लेकिन अब केवल राम मंदिर की बात हो रही है। । - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

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Sunday, July 19, 2020

श्री राम की नगरी आस्था के समंदर में गोते लगाने को तैयार। **************************************अयोध्या (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की घड़ी निकट आने के साथ ही संत समाज में उत्सुकता और उत्साह की लहर गोते लगाने लगी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविन्द देव गिरी ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो। इसकी अभिलाषा संत समाज सदियों से कर रहा है। अब यह सपना साकार होने का समय निकट आ गया है।महंत गिरी ने शनिवार शाम श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भाग लेने के बाद कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण हो। हम सबका विशेष आग्रह था। प्रधानमंत्री स्वयं आकर भूमि पूजन करें जो इस आग्रह को उन्होंने स्वीकार कर लिया। राम मंदिर भव्यतम हो इससे सभी सहमत हैं फिर भी जिस मॉडल को देश के प्रतिष्ठित संतों ने स्वीकार किया था उसे पूरी तरह बदलना संभव नहीं है। पुणे महाराष्ट्र से आये वयोवृद्ध संत गिरी ने बताया कि परिसर का विकास महत्वपूर्ण विषय है। परिसर में सीता रसोई पहले से थी। उसी रसोई को मंदिर का स्वरूप देकर प्रसाद वितरित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का भूमि पूजन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाना है जिससे देश के रामभक्तों में खुशी की लहर है।इस बीच रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की दूसरी बैठक में शामिल होने हरिद्वार से अयोध्या पहुंचे युग पुरुष स्वामी परमानन्द महाराज ने कहा कि पांच अगस्त की भूमि पूजन का प्रस्ताव है जिसमें प्रधानमंत्री का आगमन होगा। बैठक के एजेंडे में राम मंदिर के साथ भगवती सीता के मंदिर निर्माण का भी प्रस्ताव था। रामजन्मभूमि परिसर के विस्तार के अलावा राम मंदिर को भव्यता देने पर भी विचार किया गया। राम मंदिर को देश ही नहीं बल्कि विश्व का अद्वितीय मंदिर होना ही चाहिये। उन्होंने कहा कि आंदोलन काल में अयोध्या, मथुरा, काशी तीनों एक साथ लेने की बात होती थी लेकिन अब केवल राम मंदिर की बात हो रही है। ।


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