रैनिटिडाइन के इस्तेमाल और कैंसर के जोखिम के बीच कोई संबंध नहीं' - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Saturday, February 25, 2023

रैनिटिडाइन के इस्तेमाल और कैंसर के जोखिम के बीच कोई संबंध नहीं'


लखनऊ: (मानवी मीडिया)जर्नल नेचर में वैज्ञानिक रिपोर्ट में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि रैनिटिडाइन के इस्तेमाल और कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं है। रैनिटिडाइन का इस्तेमाल गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार और रोकथाम के लिए किया जाता है। हाल के अध्ययन में 12,680 रैनिटिडाइन उपयोगकर्ताओं और 12,680 अन्य एच2आरए (रैनिटिडाइन जैसी दवाएं) उपयोगकर्ताओं के रिकॉर्ड का पूर्वव्यापी मूल्यांकन किया। 

  रैनिटिडाइन के इस्तेमाल और कैंसर के मध्य कथित संबंध पर दक्षिण कोरिया में अध्ययन किया गया था, जिसने रैनिटिडाइन के इस्तेमाल और कैंसर के जोखिम के बीच कथित संबंध पर लंबी बहस को निष्कर्षित किया।

 'नेचर' में इस अध्ययन के निष्कर्षों के प्रकाशन को और प्रमाणित कर दिया। नेचर एक साप्ताहिक अंतरराष्ट्रीय जर्नल है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में अपनी मौलिकता, महत्व, अंतःविषय रुचि, समयबद्धता, पहुंच, औचित्य और आश्चर्यजनक निष्कर्षों के आधार पर बेहतरीन समकक्ष-समीक्षित शोध प्रकाशित करती है। वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कुल प्रस्तुत किए लेखों में से केवल 7 से 8 प्रतिशत लेख ही कड़ी संपादकीय समीक्षा के बाद अंतिम प्रकाशन के योग्य होते हैं


 

 एन-नाइट्रोसो डायमेथायलामाइन (एनडीएमए) एक संभावित मानव कार्सिनोजन (कैंसरकारी तत्व) है, जो प्रयोगशाला अध्ययनों पर आधारित है, मनुष्यों पर इसका प्रभाव पर्यवेक्षणीय अध्ययनों पर निर्भर करता है। 2019 में कई रैनिटिडाइन उत्पादों में एनडीएमए अशुद्धियों के अस्वीकार्य स्तरों का पता लगाने के बाद, रैनिटिडाइन को बाजार से वापस लेने के उपाय किए गए।

  अनुसंधान के बारे में बात करते हुए और रैनिटिडाइन के इस्तेमाल के साथ कैंसर के जुड़ाव के जोखिम को नकारते हुए, प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक, जू-यंग शिन, सुंगक्यंकवान यूनिवर्सिटी सियोल, कोरिया गणराज्य और उनके सहयोगियों ने कहा, “हमें रैनिटिडाइन के साथ संभावित एनडीएमए अशुद्धियाँ और प्रमुख व्यक्तिगत असाध्य उतक समुहों व समग्र कैंसर के जोखिम का कोई संबंध नहीं मिला है। 

  

  डॉ एन एस वर्मा, एमडी, मेडिसिन, एचओडी, फिजियोलॉजी विभाग, केजीएमयू, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, "एक दवा के रूप में रैनिटिडाइन का किसी भी कैंसर से कोई संबंध नहीं है। रिपोर्ट में केवल कुछ अशुद्धियों का संकेत दिया गया था जो कुछ निश्चित स्थानों और औषधीय उत्पादन के दौरान थीं।" 


  रैनिटिडाइन चार दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है और कई वर्षों से विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की सूची में है। यह आमतौर पर पेप्टिक अल्सर रोग, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज और ज़ोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम के उपचार में इस्तेमाल की जाती है। कई बड़ी और छोटी दवा निर्माण कंपनियां इसका निर्माण करती हैं।


 डॉ निशांत कनोडिया, प्रोफेसर और एचओडी - डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, हिंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल एंड सीनियर मेडिकल कंसल्टेंट, यूनिसेफ इंडिया, लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने कहा, "एच2आरएएस के बीच, रैनिटिडाइन अभी भी मेरी पहली प्राथमिकता है क्योंकि यह सभी आयु वर्ग के मरीजों के लिए सुरक्षित है।" 

  हाल के अध्ययन ने रैनिटिडाइन उत्पादों में एनडीएमए की अशुद्धियों के कैंसर के जोखिम के साथ संबंध का कोई प्रमाण नहीं दिया, जो आगे अमेरिकी जिला अदालत के निष्कर्षों की पुष्टि करता है। जिसमें फ्लोरिडा अदालत ने लगभग 2,500 मुकदमों को खारिज कर दिया, जिनमें कथित तौर पर हार्ट बर्न के लिए ली जाने वाली दवा जैनटेक (रैनिटिडाइन) और कैंसर के बीच संबंध का आरोप लगाया गया था। न्यायाधीश ने कहा था कि अभियोगियों द्वारा संघीय अदालत में दायर लगभग 2,500 मुकदमे त्रुटिपूर्ण विज्ञान पर आधारित थे और अत्यधिक लोकप्रिय दवा के एकमात्र विश्वसनीय परीक्षण ने कैंसर का जोखिम प्रमाणित नहीं किया।

Post Top Ad