प्लाज्मा थेरेपी को लेकर कोई सबूत नहीं, अभी ट्रायल के रूप में ही करें इस्तेमाल : स्वास्थ्य मंत्रालय - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Tuesday, April 28, 2020

प्लाज्मा थेरेपी को लेकर कोई सबूत नहीं, अभी ट्रायल के रूप में ही करें इस्तेमाल : स्वास्थ्य मंत्रालय




  • समाचार

  • राष्ट्रीय मंगलवार 28 अप्रैल, 2020 |नई दिल्ली देश में कोरोना मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। आज की स्थिति की जानकारी के लिए प्रैस ब्रीफिंग में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना मरीजों की कुल संख्या और इस महामारी से मौतों की संख्या के मामलें में दुनिया के उन 20 देशों से काफी बेहतर स्थिति में है जहां की कुल आबादी भारत के करीब-करीब बराबर है और जो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अग्रवाल ने कहा, दुनिया के 20 देश जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिकॉर्ड के लिहाज से सबसे ज्यादा केस आए हैं, उन सबकी कुल जनसंख्या के करीब-करीब बराबर अकेले हमारे देश की जनसंख्या है। उन्होंने प्लाज्मा थिरेपी के बारे में कहा कि अब तक इसे बहुत भरोसेमंद नहीं माना जा रहा है।  अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी रेट अब 23.3 प्रतिशत हो गई है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह देश के लिए अच्छी बात है। अभी तक देश में संक्रमण के कुल 29435 मामले आ चुके हैं, जिनमें 21632 एक्टिव केस हैं, जबकि शेष का इलाज चल रहा है। पिछले एक दिन में 684 लोगों को सही किया जा चुका है। संक्रमण फैलने की रफ्तार भी कम हुई है। 17 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई केस नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि प्लाज्मा थेरेपी एक पुरानी तकनीक है। जब दुनिया में स्पैनिश फ्लू फैला था तब इसका इस्तेमाल काफी कारगर साबित हुआ था। इस थेरेपी से ठीक हो चुके मरीजों के खून से प्लाज्मा लेकर बीमार लोगों को चढ़ाया जाता है। ठीक हो चुके मरीजों के एंटीबॉडी से बीमार लोगों को रिकवरी में मदद मिलती है। इससे मरीज के शरीर में वायरस कमजोर पडऩे लगता है




Post Top Ad