नोएडा (मानवी मीडिया): गौतमबुद्ध नगर जिले में प्राधिकरण की नीतियों से परेशान होकर धरना प्रदर्शन करने वाले किसानों के उग्र होते आंदोलन और उनकी परेशानियों को देखते हुए अब यह फैसला लिया गया है कि तीनों प्राधिकरण में एक ही नीति होगी जिसके तहत भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को एक ही जैसी सुविधा सभी प्राधिकरण से मिलेगी।
फिलहाल नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद अलग-अलग नीतियों के तहत सुविधा मिलती है जिसमें किसानों के बीच असमानता देखने को मिलती है और वह इस को सहज तरीके से स्वीकार नहीं करते और इसीलिए किसान नाराज होते हैं और धरना प्रदर्शन बड़ा रूप लेता है।
दरअसल गौतमबुद्ध नगर जिले में तीन अथॉरिटी हैं। लेकिन तीनों की नीतियां अलग-अलग हैं। नो
एडा प्राधिकरण में किसानों को मुआवजे और 5 प्रतिशत आबादी का भूखंड दिया जाता है। जबकि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में मुआवजा नोएडा प्राधिकरण से कम है, यहां पर किसानों को 6 प्रतिशत भूखंड दिया जाता है। इसी तरह यमुना अथॉरिटी में मुआवजा राशि कम है और यहां की किसानों को 7 प्रतिशत आबादी भूखंड दिया जाता है।
इसी तरीके से नोएडा प्राधिकरण में किसानों को 15 मीटर ऊंचाई तक भवन बनाने की मंजूरी है जबकि ग्रेटर नोएडा में 11 मीटर तक ही उन्हें यह मंजूरी दी गई है।
इन सभी असमानताओं को दूर करने के लिए और नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की नीतियों में एकरूपता लाने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने आदेश जारी किए है।
नीति बनाने में तीनों प्राधिकरण के अधिकारी शामिल रहेंगे और इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। उम्मीद की जा रही है की दिवाली से पहले यह नीति बनकर तैयार हो जाएगी और किसानों को दिवाली का तोहफा मिल जाएगा।