संत आशाराम बापू की रिहाई को मांग को लेकर महिला संगठन उतरा सड़कों पर - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, March 5, 2023

संत आशाराम बापू की रिहाई को मांग को लेकर महिला संगठन उतरा सड़कों पर

लखनऊ (मानवी मीडिया) भारतवर्ष संतों की धरती है उन्हें संतो ने से आसाराम बापू भी एक है संत  आशाराम बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल द्वारा 8 मार्च विश्व महिला दिवस के निमित्त विशाल धरना प्रदर्शन हुआ ।जिसमें भारी संख्या में बहने बैनर ,तख्तियां, पर्चों आदि के साथ सम्मिलित हुई। धरना दे रही बहनों ने बताया लोकहित में अपना पूरा जीवन अर्पित करने वाले संयम मूर्ति ऐसे महापुरुष को षड्यंत्र के तहत आरोप में फंसाया गया है ।इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए न्यायालय के पास एक भी सीधा प्रमाण(DIRECT EVIDENCE) नहीं है ,फिर भी बापूजी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है ।इसी प्रकार एक अन्य सुनियोजित षड्यंत्र के तहत दूसरे केस में भी अहमदाबाद की एक महिला को मोहरा बनाकर बापूजी को झूठा फंसाया गया है जिसमे लड़कियों के अलग-अलग बयानों में अनेकों विसंगतियां होते हुए भी पिछले 10 वर्षों से पूज्य बापूजी अनेकों यातनाओं को सहते हुए प्रतीक्षारत हैं,लेकिन इस झूठे बनावटी केस में भी 86 वर्ष के निर्दोष संत को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है। मात्र एक लड़की के झूठे आरोपों को सत्य मानकर देश-विदेश की लाखों करोड़ों महिलाओं की सच्ची आवाज को अनसुना किया जा रहा है,आखिर क्यों?

बहनों ने कहा कि विश्व की 4 प्राचीन संस्कृतियों में से केवल भारतीय संस्कृति अब तक जीवित रह पाई है। जिसका मूल कारण संस्कृति के आधार स्तंभ महापुरुष हैं लेकिन आज निर्दोष संस्कृति रक्षक संतो को अंधे कानूनों के तहत फसाया जा रहा है।धरना प्रदर्शन के पश्चात बहनों ने माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा।ज्ञापन में निर्दोष संतों पर हो रहे षड्यंत्र की निंदा करते हुए महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि संत श्री आशारामज बापू ने महिला सशक्तिकरण के लिए अनेकों कार्य किए हैं।

राष्ट्र व विश्व की उन्नति में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका है ,परंतु मैकाले शिक्षा पद्धति व पाश्चात्य अंधानुकरण से बहने भ्रमित हो रही है। अतः नारी को पुनः उसकी गौरवमई महिमा से अवगत कराने व उनके सर्वांगीण विकास हेतु महिला

उत्थान मंडल निरंतर प्रयासरत है।जिस संत ने अपना पूरा जीवन संस्कृति रक्षा व समाज के संयम सदाचार के लिए अर्पित कर दिया,जिन्होंने मातृ पितृ पूजन दिवस, तुलसी पूजन दिवस, सर्वे भवंतु सुखिन:, वसुधैव कुटुंबकम जैसे उच्च आदर्शों को पुनर्जीवित किया। जिन से जुड़कर करोड़ों महिलाएं उन्नत हुई है ,वह सभी आज उनके समर्थन में खड़ी है पर बहनों की आवाज क्यों नहीं सुनी जा रही। सोशल मीडिया पर बापू के समर्थन में जो टि्वटर ट्रेंड चलाए जा रहे हैं, उन्हें भी नजरअंदाज किया जा रहा है। बापूजी की अनुपस्थिति के कारण उपरोक्त विश्वव्यापी सेवा कार्यों में अपूरणीय क्षति हो रही है  अतः उन्हें शीघ्र सम्मान सहित रिहा किया जाए। 86 वर्षीय निर्दोष संत को 10 सालों से जेल में रखना भारत देश में एक शर्मनाक कृत्य है।देशभर में महिला उत्थान मंडल द्वारा महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु चले स्व की ओर शिविरों का आयोजन, बेटी बचाओ ,तेजस्विनी अभियान, संस्कार सभाएं, दिव्य शिशु संस्कार अभियान ,निशुल्क चिकित्सा सेवा ,चल चिकित्सालय सेवा ,मातृ पितृ पूजन दिवस कार्यक्रम, गौ संवर्धन व गरीबों में भंडारे जैसे समाज उत्थान के कार्य किए जाते हैं, जो कि संत  आसाराम बापू की प्रेरणा से चलाए जाते हैं। मीडिया प्रभारी नारायण पांडे ने बताया कि धरना प्रदर्शन में अर्चना ध्यानी,नीलम गावरी,नीता सक्सेना, ज्योति, अंशू सक्सेना, कीर्ती,रेनू मिश्रा,रेखा साहू,शीला सिंह,पूनम चावला,रानी, शिरोमणि,राधिका,विमला परमार,गरिमा मिश्रा, प्रीता शुक्ला आदि अनेकों बहने उपस्थित रहीं।

Post Top Ad