ईरान (मानवी मीडिया) हिजाब को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों की आंच एक और मुस्लिम देश तुर्की तक भी पहुंचती दिख रही है। तुर्की की एक महिला सिंगर मेलेक मोसो ने ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के लिए अपना समर्थन दिखाया है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सिंगर मंच पर ही अपने बाल काटते हुए दिख रही हैं। उन्होंने ईरान में प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए ऐसा किया। इंटरनेट पर तुर्की सिंगर मेलेक की हर कोई तारीफ कर रही है।
ऊंची कॉलर वाली लंबी सफेद ड्रेस पहने मेलेक मोसो ने इस्तांबुल शहर में अपना कार्यक्रम शुरू करने से पहले कैंची निकाली और लोगों की तालियों के बीच बाल काट दिए। इस दौरान उन्होंने कहा, "आज रात, मैं सभी महिलाओं के लिए गाना गाऊंगी।" 33 वर्षीय जैज सिंगर ने कहा, "कोई भी हमारे गीतों, हमारी आजादी को नहीं छीन सकता।" मेलेक मोसो ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब तुर्की में एक बार फिर से कट्टरता के मामले बढ़े हैं। एक समय तुर्की में हिजाब पर बैन था लेकिन रेसेप तय्यिप एर्दोगान के राष्ट्रपति बनने के बाद तुर्की में हिजाब पर से प्रतिबंध हटा लिया गया।
खुद मेलेक मोसो को इसी साल की शुरुआत में एक वीडियो क्लिप के लिए तुर्की रूढ़िवादियों द्वारा निशाना बनाया गया था। हालांकि वे अपने खिलाफ लोगों के गुस्से से झुकीं नहीं और उन्होंने मंच से कहा कि वे ईरान की उन महिलाओं को अपना समर्थन देती हैं जो हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा ले रही हैं।
हिजाब विरोध प्रदर्शन को लेकर लगभग पूरा ईरान जल रहा है। ईरान में पुलिस हिरासत में एक 22 वर्षीय महसा अमीनी नाम की महिला की मौत हो गई थी। अमीनी की मौत के बाद से ईरान में विरोध-प्रदर्शन जारी हैं। अमीनी की मौत को लेकर 17 सितंबर से जारी विरोध-प्रदर्शनों की आंच ईरान के कम से कम 46 शहरों, कस्बों और गांवों तक फैल चुकी है। सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारित खबर के मुताबिक, विरोध-प्रदर्शन के दौरान अब तक कम से कम 41 प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मी मारे जा चुके हैं।
वहीं, ‘द एसिसोसिटेड प्रेस’ ने आधिकारिक बयान के हवाले से कम से कम 14 लोगों की मौत होने और 1,500 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी दी है। इस बीच, न्यूयॉर्क स्थित कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने कहा है कि अमीनी की मौत और उसके विरोध में हो रहे प्रदर्शनों की कवरेज करने वाले कम से कम 23 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सीपीजे ने बुधवार को एक बयान जारी कर ईरानी अधिकारियों से गिरफ्तार पत्रकारों को ‘तत्काल’ रिहा करने की मांग की। दुजारिक ने यह भी कहा कि गुतारेस ने 22 सितंबर को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से हुई मुलाकात में मानवाधिकारों का सम्मान करने पर जोर दिया, जिनमें अभिव्यक्ति की आजादी और शांतिपूर्ण ढंग से एकत्रित होने का अधिकार शामिल है।