पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर की मदद पर भारत के ऐतराज को लेकर अमेरिका ने हाल ही में सफाई दी थी। अमेरिका का कहना था कि भारत के खिलाफ यह फैसला नहीं लिया गया है। इस मामले को यूक्रेन पर भारत के स्टैंड के खिलाफ नहीं देखा जाना चाहिए। अमेरिका के इस रिएक्शन के जवाब में ही एस. जयशंकर ने दो टूक बात कही है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने समकक्ष से इस मामले को लेकर अमेरिका से आपत्ति जताई थी। एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के पाकिस्तान से रिश्तों से किसी भी देश का भला नहीं होने वाला है। इसलिए अमेरिका को यह सोचना चाहिए कि वह किससे रिश्ते रख रहा है और उससे उसे क्या लाभ होगा। कैसे उसके हितों की पूर्ति हो पाएगी।
उन्होंने अमेरिका को एक और संदेश देते हुए कहा कि ताली बजाने के लिए दो हाथ जरूरी होते हैं। यदि अमेरिका अपने हितों का ध्यान रखते हुए भारत से रिश्ते रखता है तो फिर उसे भारत की चिंताओं का भी ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के हालात एकदम अलग हैं। हमने अमेरिकी सेना के साथ कई अभ्य़ास किए हैं। अमेरिका में बने सी-17 विमान को हम उड़ा रहे हैं। हमें एक-दूसरे के संस्थानों को समझना होगा तभी रिश्ते बेहतर हो सकते हैं।