उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम0 देवराज ने बताया है कि उपभोक्ताओं के बिल संशोधन में शिकायत मिलने पर दो सदस्यीय जॉच समिति गठित की गयी थी। इस जॉच समिति की रिपोर्ट में पाया गया कि विभागीय उपखण्ड अधिकारी, अवर अभियन्ता की रिपोर्ट किसी भी संशोधन में नही ली गयी। उपभोक्ता द्वारा पार्ट पेमेन्ट जमा करने के प्रकरण में सरचार्ज गणना नियमानुसार नहीं की गयी है। कई उपभोक्ताओं के मीटर बदलने तथा नये मीटर लगाने की सीलिंग का संज्ञान ठीक ढंग से नही लिया गया। उपभोक्ता की प्रतिमाह विद्युत खपत अत्यन्त कम है। अतः बिल संशोधन से पूर्व परिसर की विभागीय उपखण्ड अधिकारी, अवर अभियन्ता की रिपोर्ट लगवानी चाहिए थी। उपभोक्ताओं द्वारा आरसी, डीसी के मद में जमा की गयी धनराशि को भी उपभोक्ताओं के बीजकों में से घटा दी गयी है। जबकि इस धनराशि का मद अलग है। इससे उपभोक्ता को अनुचित लाभ भी मिला है।
जॉच कमेटी ने पाया कि उक्त अनियमितता में हरिशंकर अधिशासी अभियन्ता, ईश्वर शरण सिंह उपखण्ड अधिकारी, अविनाश मणी पाण्डेय कार्यकारी सहायक, राजकपूर कार्यकारी सहायक एवं रूद्रप्रताप पाण्डेय कार्यकारी सहायक की संलिप्तता प्रतीत होती है। जिससे कम्पनी को लेनदारों से वसूल की गयी धनराशि रू0 362355.00 कम वसूली हुयी है।
जॉच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षण अभियन्ता महाराजगंज द्वारा कोतवाली में इन 05 कार्मिकों के विरूद्ध एफआईआर करायी गयी है।
01 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी उपकेन्द्रों पर राजस्व संग्रह अभियान चलाया जायेगा। यह निर्देश उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम0 देवराज ने सभी प्रबन्ध निदेशकों को दिये हैं।
अध्यक्ष द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि राजस्व संग्रह का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसके सापेक्ष अब तक की प्रगति संतोषजनक नहीं है। विद्युत उत्पादकों को समय से भुगतान न करने पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में अत्यंत कठिनाई होगी। अतः 01 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक प्रत्येक उपकेन्द्र पर ‘‘राजस्व संग्रह अभियान’’ चलाया जाए। जिसके लिए उपकेन्द्रवार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युत उपकेन्द्रों हेतु रू0 01 करोड़ प्रति उपकेन्द्र, शहरी क्षेत्रों के उपकेन्द्रों हेतु रू0 02 करोड़ प्रति उपकेन्द्र राजस्व संग्रह का लक्ष्य है।
इस अभियान के दौरान Never Paid उपभोक्ताओं से वसूली करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह भी आवश्यक है कि उक्त अभियान के बारे में पूर्व से ही उपभोक्ताओं को स्थानीय स्तर पर आवश्यक सूचना समय से दी जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जिन विद्युत उपकेन्द्रों पर कार्मिकों द्वारा इस अभियान में रूचि लेकर कार्य नहीं किया जाता है उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाए।