एनसीआरबी डेटा: 2021 में 45,026 महिलाओं ने की आत्महत्या - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Tuesday, August 30, 2022

एनसीआरबी डेटा: 2021 में 45,026 महिलाओं ने की आत्महत्या


नई दिल्ली (मानवी मीडिया
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत में 2021 में 45,026 महिलाओं ने आत्महत्या की, जिनमें से 23,000 से अधिक गृहिणियां थीं। ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब उस साल के दौरान देश भर में आत्महत्या से होने वाली मौतों की दर अब तक के उच्चतम रिकॉर्ड स्तर पर थी। ये आंकड़े पिछले वर्ष की तुलना में 6.1 प्रतिशत ज्यादा थे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में 2021 में कुल 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 1,18,979 पुरुष थे।

आंकड़ों के अनुसार, “आत्महत्या करने वाली महिलाओं में अधिकतर (23,178) गृहिणियां शामिल हैं, इसके बाद छात्राएं (5,693) और दैनिक वेतन भोगी (4,246) शामिल हैं।” गृहिणियों द्वारा खुदकुशी के सबसे ज्यादा मामले तमिलनाडु (23,179 में से 3,221), मध्य प्रदेश (3,055) और महाराष्ट्र (2,861 आत्महत्या) में दर्ज किए गए। यह 2021 के दौरान गृहिणियों द्वारा की गई आत्महत्या के मामलों का क्रमश: 13.9 प्रतिशत, 13.2 प्रतिशत और 12.3 प्रतिशत है।

आत्महत्या करने वालों में से 66.9 प्रतिशत (1,64,033 में से 1,09,749) विवाहित थे, जबकि 24.0 प्रतिशत अविवाहित (39,421) लोग थे। 2021 के दौरान विधवा व विधुर, तलाकशुदा, जीवनसाथी से अलग रहने वाले कुल आत्महत्या पीड़ित क्रमश: 1.5 प्रतिशत (2,485), 0.5 प्रतिशत (788) और 0.5 प्रतिशत (871) थे। साल 2021 में आत्महत्या पीड़ितों में महिलाओं का अनुपात 72.5: 27.4 था, जो वर्ष 2020 (70.9: 29.1) की तुलना में अधिक है।

वहीं, आत्महत्या में महिला पीड़ितों का अनुपात विवाह संबंधी मुद्दों (विशेषकर दहेज संबंधी मुद्दों में), नपुंसकता और बांझपन में अधिक था। रिपोर्ट के मुताबिक, 18-30 वर्ष से कम आयु वर्ग और 30-45 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति आत्महत्या करने वाले सबसे संवेदनशील समूह में शामिल हैं। इन आयु समूहों में क्रमश: 34.5 प्रतिशत और 31.7 प्रतिशत आत्महत्याएं हुईं।

एनसीआरबी के मुताबिक, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में आत्महत्या के मुख्य कारण में पारिवारिक समस्याएं (3,233), प्रेम संबंध (1,495) और बीमारी (1,408) आदि शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, कुल 28 ट्रांसजेंडर ने भी 2021 में आत्महत्या की। आंकड़ों के मुताबिक, पारिवारिक समस्याएं और बीमारी साल 2021 में आत्महत्या के प्रमुख कारण थे। इसकी दर क्रमशः 33.2 प्रतिशत और 18.6 प्रतिशत रही।

एनसीआरबी के अनुसार, आत्महत्या के मुख्य कारण में मादक पदार्थों का सेवन और शराब की लत (6.4 प्रतिशत), विवाह संबंधी मुद्दे (4.8 प्रतिशत), प्रेम प्रसंग (4.6 प्रतिशत), दिवालियापन या कर्ज (3.9 प्रतिशत), बेरोजगारी (2.2 प्रतिशत), परीक्षा में असफलता (1.0 प्रतिशत), पेशेवर करियर की समस्या (1.6 प्रतिशत) और गरीबी (1.1 प्रतिशत) शामिल रहे।

Post Top Ad