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Monday, February 14, 2022

22,842 Cr के फ्रॉड पर पहली बार बोलीं व‍ित्‍त मंत्री


 नई द‍िल्‍ली (मानवी मीडियाफाइनेंस म‍िन‍िस्‍टर न‍िर्मला सीतारमण का एबीजी शिपयार्ड बैंक फ्रॉड मामले पर पहली बार बयान आया है. 22,842 करोड़ के फ्रॉड मामले में एबीजी शिपयार्ड के ख‍िलाफ एफआईआर दर्ज करने में 5 साल का समय लगने का सोमवार को बचाव क‍िया. उन्‍होंने कहा धोखाधड़ी का पता लगाने में जो समय लगा वह नॉर्मल से कम है.

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा न‍िशाना

सीतारमण ने कहा कि एबीजी कंपनी को लोन यूपीए सरकार के दौरान दिया गया था. खाता भी 2013 में ही एनपीए बन गया था. सभी बैंकों ने कंपनी को द‍िए गए लोन की रिस्ट्रक्चरिंग मार्च 2014 में की थी. लेकिन इसकी वसूली नहीं हो सकी. कांग्रेस ने एबीजी शिपयार्ड के 22,842 करोड़ रुपये के फ्रॉड मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

कांग्रेस ने पूछा, ‘चुप’ क्‍यों है पीएम मोदी

कांग्रेस की तरफ से कहा गया पीएम मोदी को बताना चाहिए कि यह इतना बड़ा फ्रॉड कैसे हुआ और वह इस पर ‘चुप’ क्यों हैं. पार्टी की तरफ से इसे ‘देश की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी’ बताया गया. एबीजी शिपयार्ड का घोटाला नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पीएनबी के साथ किए गए 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से भी बड़ा है.

कार्रवाई के निर्णय में लगते हैं 52 से 54 हफ्ते

सीतारमण ने आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों के साथ बैठक के बाद मीड‍िया से कहा, 'इस मामले में बैंकों को श्रेय मिलेगा. उन्होंने इस तरह की धोखाधड़ी को पकड़ने के लिए एवरेज से कम टाइम लिया.' वित्त मंत्री ने कहा आमतौर पर बैंक इस तरह के मामलों को पकड़ने और कार्रवाई का निर्णय करने में 52 से 54 माह का समय लेते हैं और उसके बाद आगे की कार्रवाई करते हैं.

सीबीआई ने दर्ज क‍िया मामला

उन्होंने कहा, 'मैं इस मामले में बैंकों को श्रेय दूंगी. उन्होंने इस प्रकार की धोखाधड़ी का पता लगाने में औसत से कम समय लिया.' सीबीआई ने सबसे बड़े बैंक फ्रॉड मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला आईसीआईसीआई बैंक की अगुआई में करीब दो दर्जन बैंकों के गठजोड़ के साथ धोखाधड़ी के लिए दर्ज किया गया है.

राजनीति पर ज्यादा बात नहीं करूंगी

वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं आरबीआई परिसर में बैठी हूं. इसीलिए राजनीति पर ज्यादा बात नहीं करूंगी. लेकिन मुझे अफसोस है कि इस प्रकार की बातें आ रही हैं कि यह पीएम मोदी के कार्यकाल का सबसे बड़ा घोटाला है. यह बिल्कुल गलत है. यह कर्ज 2013 से पहले दिया गया था और यह एनपीए 2013 में ही बना.' उन्होंने कहा, 'वे शोर कर रहे हैं, लेकिन यह नहीं देख रहे कि जिस समय यह हुआ, उस समय यूपीए सरकार थी.' एनडीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों की सेहत सुधरी है.

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