वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान, बैंड- बैंक के लिए 30,600 करोड़ रुपए की मिलेगी सरकारी गारंटी - मानवी मीडिया

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Thursday, September 16, 2021

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान, बैंड- बैंक के लिए 30,600 करोड़ रुपए की मिलेगी सरकारी गारंटी

नई दिल्ली (मानवी मीडिया): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रैंस में ऐलान किया है कि सरकार नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (NARCL) यानी बैड बैंक की तरफ से बैंकों को जारी होने वाली सिक्योरिटी रिसीट को गांरटी देगी। यह गारंटी 30,600 करोड़ रुपये की होगी। 1 फरवरी 2021 को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने इसकी घोषणा की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले छह सालों में 5 लाख करोड़ से ज्यादा रिकवरी की गई। मार्च 2018 से अब तक 3 लाख करोड़ से ज्यादा रिकवरी की गई। एक लाख करोड़ तो केवल राइट-ऑफ कर दिए गए लोन से रिकवरी हुई है। पिछले छह सालों में बैंकों के असेट में काफी सुधार आया है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से बैंकों की वित्तीय हालत में काफी सुधार हुआ है। 2018 में देश में 21 पब्लिक सेक्टर बैंक थे और इनमें केवल 2 बैंक फायदे में थे। 2021 में केवल दो बैंकों ने नुकसान बताया है। इससे साफ होता है कि बैंकों के बैलेंसशीट में काफी सुधार आया है।

31,600 करोड़ रुपए की गारंटी

भारतीय बैंक संघ (IBA) की अनुमान के मुताबिक, सरकार ने  31600 करोड़ रुपए की गारंटी मंजूर कर ली है। आईबीए को बैड बैंक बनाने का काम सौंपा गया है। प्रस्तावित बैड बैंक या एनएआरसीएल लोन के लिए सहमत मूल्य का 15 फीसदी नकद में भुगतान करेगा और बाकी 85 फीसदी सरकार की गारंटी वाली सिक्योरिटी रिसीट्स में होगा।

क्या है Bad Bank?

बैड बैंक भी एक तरह का बैंक है, जिसकी स्थापना दूसरे वित्तीय संस्थानों से बैड लोन को खरीदने के लिए हुई है। इससे ये बैड लोन उन वित्तीय संस्थानों के एकाउंट से हट जाएंगे और उनके वित्तीय स्थिति मजबूत हो जाएगी। यह भी जानकारी मिली है कि बुधवार 15 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में एनपीए के समाधान के तहत राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) द्वारा जारी सिक्योरिटी रिसीट्स पर सरकारी गारंटी देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

क्या होगा बैड बैंक से लाभ?

देश की बैंकों की बैलेंस शीट सुधर जाएगी और उन्हें नए कर्ज देने में सुविधा होगी। सारे बैंकों का एनपीए इसमें समाहित हो जाएगा और वे फंसे कर्ज से मुक्त हो जाएंगे। इससे सरकार को भी फायदा होगा। यदि वह किसी सरकारी बैंक का निजीकरण करना चाहेगी तो उसमें आसानी होगी। वहीं बैड बैंक के जरिए एनपीए यानी डूबत कर्ज को वसूल किया जा सकेगा। इसका लक्ष्य कई जटिल मुद्दो को सुलझाकर बैंकों को बिजनेस पर फोकस करने के लिए स्वतंत्र रखना है

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