नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-कोरोना के कारण बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 20.1 फीसदी रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कठोर लॉकडाउन की वजह से इसमें 24.4 प्रतिशत की ऋणात्मक बढोतरी हुयी थी।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की मंगलवार को जारी आर्थिक विकास के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष जून में समाप्त तिमाही में देश की जीडीपी 26.95 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया था, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर 32.38 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) में 18.8 प्रतिशत की बढोतरी हुयी है और यह 25.66 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 30.48 लाख करोड़ रुपये हो गया। आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान बाजार मूल्य पर पहली तिमाही में जीडीपी 51.23 लाख करोड़ रुपये रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 38.89 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 31.7 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह से जीवीए भी 36.53 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 26.5 प्रतिशत बढ़कर 46.20 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
ये होती है जीडीपी
किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं। यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है। इसकी गणना आमतौर पर सालाना होती है, लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही भी आंका जाता है। कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया।