नई दिल्ली (मानवी मीडिया): अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग कर कर रहे हैं तो सरकार इसमें कुछ नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है। ऑनलाइन रिटेलर्स द्वारा बाजार में अपनी पैठ जमाने और भारी भरकम छूट की शिकायत छोटे कारोबारियों द्वारा की जाती रही है। इस शिकायत के बाद भारत में एमेजॉन और फिल्पकार्ट जैसी ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस पर सरकार सख्त रवैया अपनाने की तैयारी कर रही है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 Rules 2020 के मुताबिक, सरकार फ्लैश सेल को सीमित करने की तैयारी में है। हालांकि पारंपरिक तौर पर आयोजित होने वाली ई-कॉमर्स रियायती बिक्री पर पाबंदी नहीं लगेगी।सिर्फ विशिष्ट तौर पर ग्राहकों को घेरने के लिहाज से की जाने वाली बिक्री या बार-बार फ़्लैश बिक्री कीमतों में इजाफा करती हैं। सबके के लिए एक समान अवसर वाला प्लेटफॉर्म मुहैया कराने से से रोकती है, ऐसी बिक्री की अनुमति नहीं होगी।मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों में बदलाव के मुताबिक, ई-कॉमर्स फर्मों को पर्याप्त शिकायत तंत्र बनाने और मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना होगा। इसके अलावा इन कंपनियों को एक निवासी शिकायत अधिकारी भी नियुक्त करना होगा। यह अधिकारी भारत का निवासी होना चाहिए। साथ ही नोडल अधिकारी भी रखना होगा।सरकार स्थानीय उत्पादों की बिक्री को प्राथमिकता देना, ई-रिटेलरों का उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग के पास अनिवार्य रजिस्ट्रेशन जैसे नियम शामिल हैं। केंद्र सरकार के इस कदम का मकसद ग्राहकों के प्रति कंपनियों को जवाबदेह बनाना और नियामकीय व्यवस्था को सख्त बनाना है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की गलत, धोखाधड़ीपूर्ण बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्ताव, सुझाव किए गए आमंत्रितप्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, जांच करने और सरकारी एजेंसी से आदेश मिलने के 72 घंटे के भीतर सूचना मुहैया करानी होगी। उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को पहली बार पिछले साल जुलाई में नोटिफाई किया गया था।मंत्रालय ने कहा है कि उद्योग निकाय और ई-कॉमर्स फर्मों के लिए प्रस्तावित नियमों पर अपना सुझाव और टिप्पणी 6 जुलाई तक भेज सकते हैं।