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Saturday, April 17, 2021

केंद्र सरकार ने दी बड़ी राहत, रेमडेसिविर इंजेक्शन के दामों में हुई भारी कटौती- देखें


मुंबई (मानवी मीडिया): कोविड-19 के मरीजों को बड़ी राहत देते हुए, सरकार ने जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत में 1900 रुपए की कटौती की है। कोरोना वायरस की दूसरी बड़ी लहर के बीच यह कोरोना मरीजों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने कोरोना के मरीजों के लिए जरूरी दवाई रेमडेसिविर के दाम को 5400 से घटाकर 3500 से नीचे कर दिया है।सरकार ने कैडेलिया हेल्थकेयर लिमिटेड की दवाई REMDAC की कीमत 2800 रुपए से घटाकर 899 कर दिया है। इसके अलावा सिंजेन इंटरनेशनल लिमिटेड की दवाई RemWin को 3950 से घटाकर 2450, सिप्ला लि. की CIPREMI को 4000 से घटाकर 3000, Mylan फार्मासुटिक्लस लि. की DESREM की कीमत को 4800 रुपए से घटाकर 3400 कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने JUBI-R के दाम में भी 1300 रुपए की कटौती की घोषणा की है। यह दवाई पहले 4700 रुपे में मिलती थी, जो कि अब 3400 रुपए में मिलेगी। सरकार ने इसके अलावा COVIFOR के दाम में भी कटौती की है। यह दवाई अब 5400 रुपए की जगह सिर्फ 3490 रुपए में मिलेगी।

शुक्रवार की देर शाम रसायन और उर्वरक मंत्रालय, फार्मास्यूटिकल्स विभाग, एनपीपीए - सलाहकार (लागत), एनआई चौधरी ने सभी फार्मा कंपनियों को तत्काल और पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ संशोधित मानदंडों का पालन करने का आदेश दिया है। अधिसूचना में कहा गया है, रेमडेसिविर के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में स्वैच्छिक कमी के संबंध में प्रस्तुत फॉर्म-वी के आधार पर, रेमडेसिविर के निर्माता/मार्केटर्स को इसके लिए वितरण श्रृंखला के दौरान संशोधित एमआरपी को लागू करने के लिए निर्देशित किया जाता है, जो कि 15 अप्रैल 2021 से प्रभावी है। महाराष्ट्र बैरिस्टर विनोद तिवारी द्वारा मांग की जाने के एक दिन बाद ही यह फैसला किया गया है, जिसमें कहा गया था कि केंद्र को इसकी कथित कमी को देखते हुए डीपीसीओ के शासन में तुरंत रेमडेसिविर लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के ब्लैकमार्केटिंग और भ्रष्टाचार के बीच इस इंजेक्शन की कोविड महामारी की दूसरी लहर में बहुत मांग है।केंद्र के इस कदम का स्वागत करते हुए, बैरिस्टर तिवारी ने कहा कि यह अच्छा है कि सरकार ने रेमडेसिविर पाने के लिए संघर्ष कर रहे लाखों लोगों की पीड़ा को महसूस किया है। तिवारी को इससे कालाबाजारी पर लगाम कसे जाने की भी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अब कुछ कंपनियों द्वारा एमपीआर में आधे और उससे भी कम की गिरावट हुई है और लोग अब चैन की सांस ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह फार्मा सेक्टर को भोली जनता का शोषण करने से भी रोक देगा

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