पीड़ित की संतुष्टि है पुलिस की सफलता का मानक: मुख्यमंत्री योगी - मानवी मीडिया

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Saturday, April 10, 2021

पीड़ित की संतुष्टि है पुलिस की सफलता का मानक: मुख्यमंत्री योगी

 चुनाव हो या अन्य बड़े आयोजन, दूसरे राज्यों में यूपी पुलिस की भारी डिमांड*

नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षकों को मिला 'योगी मंत्र', आपकी कार्यप्रणाली ही तय करेगी आपका भविष्य*

चार साल में बदली यूपी पुलिस की कार्यशैली, देश भर में हो रही सराहना*

यूपी में योग्यता का सम्मान, शुचिता और पारदर्शिता के साथ पूरी हो रही हर नियुक्ति प्रक्रिया

नवचयनित पुलिस उपाधीक्षकों को सीएम योगी के हाथों मिला नियुक्ति पत्र


*लखनऊ, (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की बदलती छवि पर खुशी जताई है। सीएम ने कहा है कि यूपी पुलिस के बारे में 2017 के पहले तक तमाम तरह की चर्चाएँ होती थीं, लेकिन व्यावसायिक प्रतिबद्धता, व्यवहारकुशलता, दक्षता और पुलिस सुधार के सतत प्रयासों से हाल ऐसा है कि आज देश के तमाम राज्यों में जब चुनाव होते हैं तो यूपी पुलिस की तैनाती की भारी डिमांड होती है। इस बदलती छवि के लिए यूपी पुलिस को बधाई देते हुए सीएम ने कहा है कि पीड़ित की संतुष्टि ही पुलिस की सफलता का मानक है। कॉन्स्टेबल से लेकर पुलिस मुखिया तक को इसी भावना के साथ काम करना चाहिए।

सीएम योगी शनिवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा अयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2018 में पुलिस उपाधीक्षक पद पर चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे थे। नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षकों को विश्व के सबसे बड़े नागरिक पुलिस सेवा का हिस्सा बनने पर बधाई देते हुए सीएम ने कहा कि चार साल पहले तक यूपी में होने वाली हर नियुक्ति पर सवाल खड़े होते थे। भेदभावपूर्ण रीति से नौकरियां मिलती थीं, मेरिट की अनदेखी होती थी और योग्यता का अनादर का खामियाजा कई पीढियां भुगतती हैं। लेकिन आज लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा की हर नियुक्ति प्रक्रिया शुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी का पर्याय हैं। एक भी नियुक्ति पर सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता। योग्य और सक्षम का चयन ही होता है। आयोग की साख बहाल हुई है। 


*यूपी पुलिस ने अपनी कार्यप्रणाली से दुनिया के सामने गढ़ा मानक:*

सीएम ने बताया कि 2019 में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का आयोजन वाराणसी में होना था, तो इसके तत्काल बाद प्रयागराज कुंभ जैसा विशाल आयोजन भी था। यही नहीं दो माह बाद लोकसभा चुनाव भी थे। लोग आशंकित थे कि यह सब कैसे होगा। लेकिन वाराणसी में आये 76 देशों के 7000 डेलीगेट ने काशी के नए स्वरूप की सराहना तो की ही , यूपी पुलिस की व्यवहारकुशलता को खूब सराहा। इसी तरह, 80 लोकसभा सीटों में 163000 बूथ पर शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराना आसान नहीं था, लेकिन हुआ, जबकि यूपी से आधी आबादी वाले राज्यों में तकरीबन हर सीट पर चुनाव में हिंसा हुई। 25 करोड़ श्रद्धालुओं की सहभागिता वाले दिव्य-भव्य कुंभ में यूपी की पुलिस ने जैसा काम किया, उसने पूरी दुनिया की पुलिस के लिए एक मानक स्थापित किया है। एक एक अधिकारी फील्ड में था। सबने ईमानदारी और प्रतिबद्धता का भाव दिखाया और एक मानक स्थापित क़िया। सीएम ने कहा कि पुलिस रिफॉर्म के लिए शासन स्तर पर हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। बहुप्रतीक्षित पुलिस आयुक्त प्रणाली चार स्थानों पर लागू किया गया है लेकिन इसे सफल आपको करना है। पुलिसकर्मियों के लिए आवासीय सुविधा का विस्तार हुआ है।  


*ईमानदारी से काम किया तो आईजी होकर रिटायर होंगे:* नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षकों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने   उन्हें पुलिस की चुनौतियां और कर्तव्यपरायणता के महत्व से भी अवगत कराया। आपकी कार्यप्रणाली ही आपके जीवन के आगे की राह तय करेगी। पद की गरिमा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि हाल ही में तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शासन ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की है। वास्तव में जन जीवन में अनिश्चितता होती है तो भटकाव आता है। आपको पुलिस के अनुशासन को बनाये रखना होगा। फील्ड में सेवा के दौरान शासन आपको खुद को साबित करने का भी अवसर भी देता है। बस आपको अपनी कर्मठता सिद्ध करनी होगी। माहौल को चुटीला बनाते हुए सीएम ने कहा कि अगर यह नव नियुक्त डीएसपी मेहनत से काम करेंगे तो अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की उम्र तक आते-आते आईजी पद तक पहुंच जाएँगे। उनकी इस बात पर पूरा ऑडिटोरियम ठहाकों से गूंज उठा।

*संयम और विवेक के साथ त्वरित निर्णय लेना जरूरी: डिप्टी सीएम*


उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए उन्हें सेवाकाल में विवेकपूर्ण निर्णय लेने की सीख दी। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा में अनेक बार अलग-अलग तरह के दबाव भी झेलने पड़ते हैं, लेकिन मौके की स्थिति को समझते हुए, स्वविवेक का प्रयोग करते हुए दृढ़ता और विनम्रता और संयम के साथ त्वरित निर्णय लेना ही अच्छे अधिकारी की पहचान है। उन्होंने मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व का उदाहरण रखते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में तनावरहित होकर संयम के साथ जनहित को प्राथमिकता में रखते हुए अच्छे निर्णय कैसे लिए जा सकते हैं, यह मुख्यमंत्री योगी से सीखा जा सकता है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि हाल के वर्षों में यूपी पुलिस की छवि में सकारात्मक बदलाव हुआ है। आज अपराधियों में भय है तो आम नागरिकों के लिए 'मित्र पुलिस' की छवि उभरी है, यह सर्वथा सराहनीय है। इससे पहले, अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने यूपी पुलिस में डीएसपी पद पर नियुक्ति प्राप्त कर रहे युवाओं को बधाई देते हुए उन्हें ईमानदारी, कर्मठता और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े नागरिक की मदद के लिए सदैव तत्पर रहने की सीख दी। वहीं, स्वागत उद्बोधन में पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने यूपी पुलिस के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि इस बार यूपी पुलिस का 87वां बैच प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। उन्होंने बीते चार वर्षों की पुलिस की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि इन वर्षों में पुलिस आधुनिकीकरण की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण प्रयास हुए हैं। डीजीपी ने साढ़े तीन दशकों से लंबित पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को सहजता से लागू करने के लिए पुलिस विभाग की ओर से मुख्यमंत्री का आभार जताया।

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