क्राइम ब्रांच ने चौथी बार भेजा नोटिस, मौलाना साद से पूछा- अभी तक क्यों नहीं सौंपी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट  - मानवी मीडिया

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Thursday, April 30, 2020

क्राइम ब्रांच ने चौथी बार भेजा नोटिस, मौलाना साद से पूछा- अभी तक क्यों नहीं सौंपी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट 



 





बृहस्पतिवार 30 अप्रैल, 2020 |नई दिल्ली मौलाना साद की कोरोना जांच रिपोर्ट का क्राइम ब्रांच को अब भी इंतजार है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि पहले भी मौलाना साद को कहा गया था कि कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट सरकारी होनी चाहिए लेकिन साद ने प्राइवेट लैब से टेस्ट करवाया। यही वजह है कि मौलाना साद को क्राइम ब्रांच ने चौथा नोटिस भेजा है। जिसमें टेस्ट के बारे में तो लिखा ही है। साथ ही साथ कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब साद ने नहीं दिए है। उनके जवाब भी मांगे गए हैं। इस नोटिस में पूछा गया है कि मौलाना साद ने सरकारी अस्पताल में अपनी कोरोना जांच करवाई है या नहीं और यदि करवाई है तो उसकी रिपोर्ट अब तक क्राइम ब्रांच क्यों नहीं को सौंपी गई हैमौलाना के वकील ने कहा कि हमने निजी लैब से तबलीगी जमात के चीफ मौलाना साद की जांच कराई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। उस रिपोर्ट की कॉपी क्राइम ब्रांच को भेजी गई है। वहीं ईडी की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि फंडिंग की कमान चार लोगों के हाथों में थी। इसमें मौलाना, उनके बेटों और भांजे लेनदेन से जुड़े मामलों की मॉनीटरिंग करते थे। मौलाना के वकील का कहना है कि हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच ने जो भी निर्देश दिए हैं, उसका पालन कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या आप एम्स से टेस्ट कराएंगे, तो उनका जवाब था कि अगर क्राइम ब्रांच कहती है कि किसी सरकारी लैब की टेस्ट रिपोर्ट चाहिए तो जैसे ही सहूलियत मिलेगी, हम उसे करा लेंगे। अभी लॉकडाउन की वजह से बाहर निकलना संभव नही है। भारत में कोरोना वायरस की महामारी के दौरान निजामुद्दीन मरकज और तब्‍लीगी जमात का नाम सुर्खियों में आया था। निजामुद्दीन मरकज में तब्‍लीगी जमात के कार्यक्रम में बड़ी संख्‍या में लोग एकत्रित हुए थे और इसमें से कई लोग पॉजिटिव पाए गए थे। जमात के कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोग बाद में अपने राज्‍य लौटे थे जहां दूसरे लोगों के संपर्क में आने के कारण वहां भी कोरोना के केसों की संख्‍या में इजाफा हुआ था। तब्‍लीगी जमात के कार्यक्रम को देश में कोरोना वायरस के केसों में वृद्धि के लिए काफी हद तक जिम्‍मेदार माना गया था और इसके लिए मौलाना साद आलोचनाओं के घेरे में


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