- बिज़नेस रविवार 29 मार्च, 2020 |नई दिल्ली कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि कंपनियों द्वारा प्रधानमंत्री आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स) में योगदान को कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च माना जाएगा। बता दें कि कंपनी कानून के तहत कुछ निश्चित श्रेणी की मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ को दो प्रतिशत एक वित्त वर्ष में सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है। वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘पीएम-केयर्स में किए गए किसी को योगदान को सीएसआर खर्च माना जाएगा।’’ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में ज्ञापन जारी कर स्पष्ट किया है कि कंपनियों द्वारा दान किए गए धन को उनकी सीएसआर गतिविधि में गिना जाएगा।सरकार ने आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) बनाया है। यह कोष कोरोना वायरस जैसी किसी आपात स्थिति में मदद देने का काम करेगा। मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘पीएम-केयर्स कोष का गठन किसी आपात स्थिति की वजह से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए किया गया है। इसी के अनुरूप यह स्पष्ट किया जाता है कि पीएम-केयर्स कोष में किए गए किसी भी योगदान को कंपनी कानून, 2013 के तहत सीएसआर खर्च माना जाएगा।’’
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Sunday, March 29, 2020
सरकार की बड़ी घोषणा- पीएम केयर फंड में डोनेट कर सकती हैं कंपनियां, माना जाएगा CSR खर्च
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