राहुल गांधी की PM मोदी को चिट्ठी, कहा- अचानक लॉकडाउन से दहशत में आए लोगों में विश्वास पैदा करने की ज़रूरत - मानवी मीडिया

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Sunday, March 29, 2020

राहुल गांधी की PM मोदी को चिट्ठी, कहा- अचानक लॉकडाउन से दहशत में आए लोगों में विश्वास पैदा करने की ज़रूरत




  • राष्ट्रीय रविवार 29 मार्च, 2020 |नई दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना का फैलाव रोकने के लिए लॉकडाउन लागू करने के निर्णय को सही बताया लेकिन कहा कि अचानक लिए गए इस फ़ैसले से कई लोग दहशत में है इसलिए उनमें विश्वास पैदा करने की ज़रूरत है।राहुल गांधी ने रविवार को मोदी को लिखे पत्र में कहा कि 21 दिन के लॉकडाउन के कारण कुछ लोगो मे दहशत और भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। फैक्ट्री, छोटे उद्योग तथा निर्माण क्षेत्र में काम बंद हो गये है जिससे हज़ारो श्रमिक डर के कारण अपने घरों के लिए पैदल सड़कों पर आ गए है। उन्होंने कहा कि ये दिहाड़ी मजदूर काम नहीं होने से दहशत में है और अपने घरों को भाग रहे है। उनके लिए इस समय रहने की जगह और खाने की व्यवस्था करने की ज़रूरत है। उनमें विश्वास पैदा हो इसके लिए उनके खातों में सीधे पैसे जमा किये जाने चाहिए।कांग्रेस नेता ने कोरोना की चुनौती से लड़ने के लिए सरकार के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि इस समय सभी स्रोतों का इस्तेमाल करते हुए सामाजिक सुरक्षा के उपाय करने की आवश्यकता है। बड़ी आबादी वाले क्षेत्रों में इस रोग से निपटने के लिए अस्पताल बनाने पर ध्यान देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इस समय शहरों से लोग गांव की तरफ जा रहे है लेकिन इससे गांव में संकट पैदा हो सकता है। गांव में वृद्ध लोगो को उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण यह रोग ज्यादा प्रभावित कर सकता है इसलिए इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।राहुल गांधी ने आगे लिखा, भारत में उन गरीबों की संख्या, जिनका जीवन दैनिक मजदूरी पर निर्भर है, इतनी ज्यादा है, कि हम आर्थिक कार्यों पर पूरी तरह से एकतरफा लॉकडाऊन नहीं लगा सकते। पूरी तरह से आर्थिक शटडाऊन कोविड-19 वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। उन्होंने लिखा, यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा विस्तृत एवं केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिसमें देश के नागरिकों के वास्तविक जीवन की सच्चाईयों पर पूरी तरह से गौर किया गया हो। हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों व कमजोरों को अन्य लोगों से पृथक करने एवं उन्हें वायरस से सुरक्षा देने पर होनी चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को बुजुर्गों के नज़दीक व संपर्क में जाने से उन्हें होने वाले खतरों के बारे में साफ तौर से एवं पूर्ण रूप से जागरुक करना चाहिए। भारत में लाखों बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्ण लॉकडाऊन एवं आर्थिक गतिविधियों पर शटडाऊन के कारण लाखों युवा बेरोजगार होकर अपने-अपने गांव में पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिससे उनके माता-पिता, दादा-दादी एवं बुजुर्गों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों के जान गंवाने का खतरा है। 




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