लखनऊ 28 अप्रैल लगातार घाटे की मार से दम तोड़ते उ प्र पावर कार्पोरेशन कर्ज के मर्ज से कराहती व्यवस्था से चलने वाले विभाग की उ प्र के ऊर्जा मंत्री 30 अप्रैल को चुनाओ के बीच राजधानी के शक्तिभवन के 15 तल पर विभागीय 20 बिन्दुओ पर समीक्षा बैठक का आयोजन का आदेश पारित किया है एक तरफ चुनावी मौसम और दूसरी ओर मंत्री जी की विभागीय व्यवस्था एवं केन्द्रीय योजनाओ की समीक्षा बैठक जिसमे प्रदेश भर की कम्पनियो के अधिकारियों की जुटान क्या चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह नही उठता इतनी बड़ी बैठक का चुनावी मौसम मे आयोजन हास्यप्रद और कोतुहल का विषय बना हुआ है वैसे तो इस विभाग मे नियमो की अनदेखी एक परम्परा की तरह निभाई जाती है पर विभाग मे चल रहे भ्रष्टाचार पर विभाग के मंत्री से संतरी तक खमोश पड़े रहते है पर माननीय मंत्री महोदय विभागीय समीक्षा मे अगर भ्रष्टाचार की और भ्रष्टाचार से जुड़े अपने बडे बाबू के कारिंदों की समीक्षा करते तो शायद जनता द्वारा विभाग के भ्रष्टाचारियों की पहचान आसानी से होती और अलग-अलग डिस्कमो मे चल रहे भ्रष्टाचारी उद्योग चलाने वालों पर लगाम लगाने मे सरकार सफल होता ।
अरे ओ मंत्री जी जरा समीक्षा अपने बडका बाबू और उनके साथी के कामो की भी समीक्षा कर लो अरे उनके पुराने अनुभवी भ्रष्टाचारी साथी जो कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे तैनात हैं उनके भ्रष्टाचार की जो दर्जनों जांचे इनके इशारे पर वहाँ के एक भ्रष्टाचारी निदेशक दबाए सो रहे है उन पर आप की नजरे इनायात कब करेंगे और कब करेगें उनकी जाँचे पूरी और कब सजा दी जायेगी इन भ्रष्टाचारियों को क्या *जैसे इन्होंने पावर कारपोरेशन का नाम और लोगो एक निजी कंपनी को प्रयोग करने को दे दिया है और कम्पनी UPPCL मे नोकरी देने के नाम पर गरीब युवाओ, मजदूरो को ठगने का काम कर रही थी और शक्तिभवन के 7वे तल पर मे बैठने वाले बड़केबाबू आजतक खमोश है पर जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाली कम्पनी का सारा गोरख धंधा बन्द कराने के लिये UPPCL के भ्रष्टाचारियों के लूट के खेल को हमने फेल कर दिया फर्जीवाड़ा करने वाली कम्पनी घड़ियाली आँसू बहाकर खुलेआम इस लूट के खेल मे UPPCL के बड़े बाबू की सहमती बता रही है इसकी समीक्षा कब होगी* हमने आवाज उठाई तो उनके वकील साहब कह रहे है कि हमारे पास तो लिखित मे इसे प्रयोग करने का अधिकार है और ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे सुनियोजित रूप से पूरा विद्युत विभाग ही निजी हाथो मे चला जायेगा और आप क्या आपनी समीक्षा बैठक ही करते रहेंगे । *खैर वैसे भी तो हाईकोर्ट में हम तो अवैध रूप से नियुक्त और धाटे जिम्मेदार इन बडे बाबू से लड़ाई लड़ रहे हैं और इस लड़ाई की अगली पेशी 2 मई को है* ।