भारत : (मानवी मीडिया) नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर अमेरिका को दो टूक जवाब दे दिया है. भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को साफ कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है. सीएए लागू होने पर अमेरिकी विदेश विभाग का बयान गलत और अनुचित है.सीएए पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं, नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है और यह देश की समावेशी परंपराओं, मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है.
उन्होंने कहा कि यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं.
सीएए नागरिकता देने के बारे में है, नागरिकता छीनने के बारे में नहीं है रणधीर जयसवाल ने आगे कहा कि यह राज्यविहीनता के मुद्दे को संबोधित करता है, मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है. जहां तक सीएए के लागू होने पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है, और कई अन्य लोगों द्वारा टिप्पणियां की गई हैं, हमारा विचार है कि यह गलत और अनुचित है.
दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग ने सीएए लागू होने को लेकर कहा था कि हम नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना को लेकर चिंतित हैं. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि हम निगरानी कर रहे हैं कि यह अधिनियम कैसे लागू किया जाएगा.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है.
अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है. जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उन्हें लेक्चर देने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए. भारत के भागीदारों और शुभचिंतकों को उस इरादे का स्वागत करना चाहिए जिसके साथ यह कदम उठाया गया है.