लखनऊ : (मानवी मीडिया) एनीमिया से विश्व की एक तिहाई जनसंख्या पीड़ित है। गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे के लिए यह किसी अभिशाप से कम नहीं है। एनीमिया यानी की शरीर में आयरन की कमी होने को कहा जाता है। आम लोग इसे शरीर में खूनी की कमी होना भी कहते है। शरीर में एनीमिया की कमी अन्य बीमारियों के लिए खुला निमंत्रण पत्र है। यह बातें डॉ. अमित सिंह ने गुरुवार को एनीमिया मुक्त भारत कार्याशाला को संबोधित करते हुये कहीं। डॉ. अमित सिंह ने बताया कि गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा एनीमिया का शिकार हो जाता है। तो उसके जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
इतना ही नहीं समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो जन्म लेने वाला बच्चा शारीरिक और मानसिक स्तर पर कमजोर हो सकता है। उसका शरीर अन्य बीमारियों का मुकाबला नहीं कर पायेगा। ऐसे में गर्भवती महिलाओं और उसके बच्चे का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। एनीमिया एक बड़ा कारण है मातृ एवं शिशु मृत्युदर का। एनीमिया को दूर कर मातृ एवं शिशु मृत्युदर को कम किया जा सकता है।