बागची ने अपने ट्वीट में कहा चर्चा में विकास सहयोग, व्यापार, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, विरासत संरक्षण, क्षमता निर्माण और वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक हित के मुद्दों सहित सभी क्षेत्रों में साझेदारी की व्यापक समीक्षा शामिल रही। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दूसरा विदेश कार्यालय परामर्श 10 अगस्त 2015 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और लाओ के बीच दीर्घकालिक, मैत्रीपूर्ण और पारस्परिक रूप से सहायक संबंध हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आपसी हित के कई मुद्दों पर दोनों पक्षों के विचार एक जैसे हैं। इसके अलावा लाओस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन करता है।
लाओस भारत के विस्तारित पड़ोस का एक हिस्सा है क्योंकि केवल म्यांमार ही लाओस को भारत के उत्तर पूर्व से अलग करता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार जैसे-जैसे भारतीय उपस्थिति बढ़ती है और सफलता की कहानियाँ अधिक होती हैं, विभिन्न क्षेत्रों में भारत-लाओ संबंध बढ़ने की संभावना है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)