विधान परिषद उपचुनाव: सपा प्रत्याशियों ने भाजपा नेताओं को पत्र लिखकर मांगा सहयोग - मानवी मीडिया

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Wednesday, May 24, 2023

विधान परिषद उपचुनाव: सपा प्रत्याशियों ने भाजपा नेताओं को पत्र लिखकर मांगा सहयोग


लखनऊ (मानवी मीडिया विधान परिषद की दो सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्‍याशियों ने एक अप्रत्याशित कदम के तहत राज्‍य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत सत्‍तापक्ष के कई वरिष्‍ठ नेताओं को पत्र लिखकर उपचुनाव में सहयोग मांगा है। इन उम्‍मीदवारों का कहना है कि वे नेता अपनी अंतरात्‍मा की आवाज सुनकर उन्‍हें वोट दें। 

सपा प्रत्‍याशियों राम जतन राजभर और रामकरन निर्मल ने सरकार में पिछड़े वर्ग से आने वाले उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) के वरिष्‍ठ नेता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, मंत्री स्‍वतंत्रदेव सिंह, अनिल राजभर, लक्ष्‍मी नारायण चौधरी और दिनेश खटीक तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पत्र लिखकर उपचुनाव में सहयोग की अपील की है। 

पत्र के जरिये अपनी अपील में दोनों प्रत्याशियों ने कहा है कि सपा पिछड़ों और दलितों के उत्थान के लिए काम करती है और उन्‍हें बढ़ावा देती है, इसलिए विधान परिषद उपचुनाव में सभी विधान सभा सदस्यों को समाजवादी प्रत्याशियों का समर्थन करना चाहिए। अपील में कहा गया है, "भाजपा की सामाजिक नीति में भारी खोट है।

भाजपा में गरीबों, दलितों के लिए कोई स्थान नहीं है। भाजपा हमेशा सामाजिक न्‍याय की विरोधी रही है। भाजपा ना सबको साथ लेकर चलती है और ना ही सबका विकास चाहती है। भाजपा पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण की विरोधी है। भाजपा का संविधान में पूर्ण रूप से विश्‍वास नहीं है। लोकतंत्र को प्रत्‍येक स्‍तर पर कमजोर करने के लिये भाजपा कार्य करती रही है।''

अपील में यह भी कहा गया है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपील में दोनों सपा प्रत्‍याशियों ने कहा, ''भाजपा दलितों के अधिकारों पर कुठाराघात करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ती है। हमको विधान परिषद सदस्‍य के 29 मई 2023 को होने वाले उपचुनाव में सपा ने प्रत्‍याशी बनाकर सामाजिक न्‍याय को ताकत दी है, जबकि भाजपा के यहां दलितों एवं पिछड़ों के लिये कोई सम्‍मान नहीं है।'' 

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