लखनऊ (मानवी मीडिया) सूडान में छिड़े संघर्ष के बीच केन्द्र सरकार ऑपरेशन कावेरी के जरिए अपने नागरिकों को सकुशल वापस लाने में दिन रात जुटी हुई है। उत्तर प्रदेश के भी अब तक 391 लोगों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने में सरकार कामयाब रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश सूडान से लौटे प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लोगों के लिए लिए वॉल्वो बसों और कारों की व्यवस्था की गई है। इसके जरिये वापस लौटे नागरिकों को सुरक्षित और आरामदायक तरीके से उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है।
गौरतलब है कि सूडान में दो जनरलों के बीच जारी संघर्ष ने पूरे देश में भीषण उत्पात मचा रखा है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी के जरिए अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकालना शुरू कर दिया है। इस अभियान में अबतक भारत के 2700 से ज्यादा नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है। वहीं यूपी के 34 जिलों के 391 लोग जो अबतक सूडान में फंसे हुए थे, उन्हें भी सकुशल उनके घरों तक पहुंचा दिया गया है। इनमें सर्वाधिक संख्या लखनऊ (67), देवरिया (61), गोरखपुर (46), कुशीनगर (38), बलिया (33) और आजमगढ़ (29) के निवासियों की है। इसी प्रकार अब तक कानपुर (11), बस्ती (9), गाजीपुर( 15), वाराणसी (8), सुल्तानपुर (1), प्रयागराज (4), मऊ (16), फतेहपुर (5), अंबेडकरनगर (3), मथुरा (1), अयोध्या (2), मुजफ्फरनगर (5), गाजियाबाद (1), जौनपुर (13), बहराइच (1), गोंडा (1), संत कबीर नगर (1), सिद्धार्थनगर (3), गौतमबुद्ध नगर (4), बरेली (3), प्रतापगढ़ (1), बलरामपुर (1), मेरठ (1), चंदौली (2), मिर्जापुर (1), महराजगंज (1), बागपत (1) और बिजनौर (2) के लोगों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाया गया है।
बीते शनिवार को भी यूपी के 75 लोगों की सकुशल घर वापसी हुई है। सरकार की ओर से जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, आजमगढ़, बलिया और मऊ के रास्ते सूडान से वापस लौटे लोगों को वॉल्वो बसों के द्वारा पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा लखनऊ, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, महाराजगंज और कुशीनगर के लोगों के लिए भी अलग से वॉल्वो बस सेवा जारी है। इसी प्रकार गाजियाबाद, मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और बरेली के लिए अलग अलग टैक्सियां चलाई गई हैं।
राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से बताया गया है कि कुछ लोगों को स्वास्थ्य कारणों के चलते विशेष परिस्थितियों में 10 दिन के लिए क्वारेंटीन में भी रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूडान में फंसे लोगों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क को 24 घंटे ऐक्टिव रखने के निर्देश दिये हैं। साथ ही सपोर्ट टीम और वाहन की समुचित व्यवस्था के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।