शनिवार को भी, रेलवे के दक्षिण-पूर्वी मंडल की 75 ट्रेनों को 5 अप्रैल से शुरू हुए आंदोलन के कारण रद्द कर दिया गया था। रेलवे के सूत्रों ने कहा कि 5 अप्रैल से रद्द की गई ट्रेनों की कुल संख्या 496 हो जाएगी। इसके अलावा, आंदोलन के बीच कई ट्रेनों के रूट को या तो डायवर्ट करना पड़ा या उसको छोटा करना पड़ा
इस बीच, शनिवार शाम को दक्षिण-पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र भेजकर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ संयुक्त रूप से रेलवे अवरोध हटाने में राज्य पुलिस बलों की मदद मांगी।
राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस विज्ञप्ति का उत्तर राज्य सचिवालय से दक्षिण-पूर्व रेलवे प्राधिकरण की ओर से भी भेजा गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि रेलवे अधिकारी चाहें तो आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं और राज्य सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।
कुर्मी समुदाय अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत मान्यता की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहा है। उनकी मुख्य शिकायत यह है कि स्वदेशी जनजातियों के लिए काम करने वाली राज्य सरकार की संस्था पश्चिम बंगाल कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अभी तक कुर्मियों को आदिम जनजातियों के प्रतिनिधियों के रूप में मान्यता नहीं दी है।
समुदाय के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार को इस मामले में एक व्यापक रिपोर्ट भेजने के लिए संस्थान के साथ-साथ राज्य सरकार की अनिच्छा कुर्मी समुदाय को एसटी श्रेणी के तहत मान्यता देने की प्रक्रिया में बाधा बन रही है।