सूत्रों के मुताबिक, 150 करोड़ रुपए से ज्यादा के फेक ट्रांजैक्शन मिले हैं। लेनदेन करने वालों में एक पक्ष ने ये बताया है कि ट्रांजैक्शन फेक हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आंकड़ा 500 करोड़ रुपए तक जा सकता है। वहीं, 15 लॉकर मिले हैं, जिनको जल्द खुलवाया जाएगा।
हैरानी की बात ये है कि 20 अकाउंट ऐसे मिले है जो बहुत ही गरीब तबके के लोगों के हैं। इनमें कई ऐसे लोग हैं, जिनके मकान एक कमरे के हैं। इन लोगों के खातों से 5 से 50 करोड़ रुपए तक ट्रांजैक्शन के दस्तावेज मिले हैं।
सर्च के दौरान जम्मू में करीब 100 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन देन के दस्तावेज मिले है। इनकी जांच की जा रही है। इसके साथ नोएडा के सेक्टर-4 और 57 की फैक्ट्री में 150 संदिग्ध दस्तावेज मिले है। ग्रुप की 10 फैक्ट्रियां विदेश में भी है। इसके ट्रांजैक्शन भी खंगाले जा रहे है। मनी लॉड्रिंग के संकेत भी मिले हैं।
सूत्रों के मुताबिक, यूफ्लेक्स कंपनी ने इनवेस्टर्स समिट के लिए भी करीब 600 करोड़ के एमओयू साइन किए है। जिसमें उनको दो प्लाटों पर नोएडा में निवेश भी करना है। यूफ्लेक्स लिमिटेड कंटेनरों और पैकेजिंग क्षेत्र की कंपनी है। कंपनी का कुल मूल्यांकन (मार्केट वैल्यू) 3,509 करोड़ है। कंपनी की स्थापना वर्ष 1988 में की गई थी।