पांच वर्षों में प्रदेश का वृक्षावरण विस्तार , बढ़ा कर अगले पांच वर्षों में 15.00 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य - मंत्री डा0 अरूण कुमार सक्सेना - मानवी मीडिया

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Tuesday, January 31, 2023

पांच वर्षों में प्रदेश का वृक्षावरण विस्तार , बढ़ा कर अगले पांच वर्षों में 15.00 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य - मंत्री डा0 अरूण कुमार सक्सेना

लखनऊ : (मानवी मीडिया)लखनऊ में संयुक्त राज्य अमेरिका एवं भारत सरकार के संयुक्त साझेदारी में प्रारम्भ किये जा रहे Trees Outside Forests in India (TOFI) Program  का शुभारंभ आज गोमतीनगर स्थित होटल हिल्टन में प्रदेश के वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 अरुण कुमार सक्सेना तथा राज्यमंत्री  के0पी0 मलिक ने किया।

कार्यक्रम के शुभारंभ करने की घोषणा के उपरान्त डॉ0 अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में अभिलिखित वनों में जैविक दबाव के दृष्टिगत पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदेशवासियों की वनाधारित उत्पादों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वन क्षेत्र के बाहर अधिकाधिक वृक्षारोपण किया जाने की आवश्यकता है। इस दिशा में कृषि वानिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्तर विभागीय समन्वय एवं व्यापक जनसहभागगिता से वृक्षारोपण जन अभियान द्वारा आगामी पांच वर्षों में प्रदेश का वनावरण एवं वृक्षावरण विस्तार कर 9.23 प्रतिशत से बढ़ा कर अगले पांच वर्षों में 15.00 प्रतिशत तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। टी0ओ0एफ0आई0 कार्यक्रम प्रारम्भ करने के लिए धन्यवाद, देते हुए डॉ0 सक्सेना ने कहा कि योजना वृक्षाधारित उद्योगों एवं कृषकों सहित समस्त स्टेक होल्डर को शामिल करते हुए किसानों की आय, आजीविका सुरक्षा, उपयुक्त वृक्ष प्रजातियों का चयन एवं पर्यावरणीय सेवाओं की निरंतरता बनाये रखने में सहायक सिद्ध होगी।

अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग  मनोज सिंह ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश, कृषि वानिकी पद्धतियों को लागू करने में अग्रणी रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा अगले पांच वर्षों में 175 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है और कृषि वानिकी नीतियों को विकसित करने की दिशा में भी काम कर रहा है। राज्य सरकार ट्रांजिट नियमों में ढील और सरलीकरण पर भी काम कर रही है। प्रत्येक मण्डल में एक हाई-टेक नर्सरी और प्रत्येक न्याय पंचायत में ग्राम-स्तरीय नर्सरी स्थापित करने के लिए आगे की पहल की जाएगी। कृषि वानिकी पद्धतियाँ न केवल जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए फायदेमंद होंगी, बल्कि किसानों की आय में वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होंगी।  मनोज सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि यह महत्वाकांक्षी योजना राज्य में कृशि वानिकी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगी।

उल्लेखनीय है किउत्तर प्रदेश सरकार और यू0एस0ए0आई0डी0 (USAID)  द्वारा संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश में वृक्षावरण बढ़ाने तथा कृषि वानिकी उत्पाद आधारित उद्योग विकास हेतु एक नई पहल की शुरूआत की जा रही है। ‘‘ट्रीज़ आउटसाइड फॉरेस्ट्स इन इंडिया (टी0ओ0एफ0आई0) कार्यक्रम के तहत कृषकों, राज्य संस्थानों, कम्पनियों, व्यापारी संगठनों तथा अन्य निजी संस्थानों को एक मंच पर लाकर राज्य में पारंपरिक वन क्षेत्र के बाहर वृक्षावरण में वृद्धि कर कृषि पारिस्थितिकी तन्त्र को मजबूत किया जायेगा। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका, रोजगार एवं आय में वृद्धि, कृषि वानिकी उत्पाद आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (एस-जीडीपी) को 1 ट्रिलियन डालर इकोनॉमी बनाने में सहयोग प्राप्त होने के साथ ही कार्बन अवशोषण (Carbon sequestration)  द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव न्यून करने, कार्बन अवशोषण के 2.5 बिलियन टन कार्बन अवशोषण एन0डी0सी0 (NDC) के लक्ष्य को प्राप्त करने तथा राज्य की हरियाली को 9.23 प्रतिशत से 15 प्रतिशत करने में सहयोग प्राप्त होगा।

इस योजना का क्रियान्वयन Center for International Forestry Research and World Agroforestry (CIFOR-ICRAF) के द्वारा नौ संस्थाओं के Consortium से किया जायेगा। वनों के बाहर वृक्षावरण बढ़ाने हेतु प्ददवअंजपवद च्संजवितउ का निर्माण। वनों के बाहर वृक्षावरण बढ़ाने हेतु सूचना तंत्र(Information System)  का विकास। TOF Hub  तथा Incubation Center  की स्थापना। मॉडल डीमोस्ट्रेशन हाईटेक पौधशाला की स्थापना तथा उच्च गुणवत्ता रोपण सामग्री (QPM)  की उपलब्धता। आर्थिक रूप से फायदेमंद कृषि वानिकी आधारित उद्योग उत्पाद का निर्माण। कार्बन बाजार से किसान को जोड़ने हेतु योजना निरूपण तथा कार्बन क्रेडिट की बिक्री। विभागीय एवं अन्य हितधारकों का क्षमता विकास आदि TOFI  परियोजना में मुख्य रूप से गतिविधियाँ प्रस्तावित है।

टी0ओ0एफ0आई0, उत्तर प्रदेश में कृषकों की आय में और वृद्धि करते हुए कृषि पद्धतियों के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए राज्य की प्रगति हेतु कृषि वानिकी का उपयोग करेगा। टी0ओ0एफ0आई0 विशेष रूप से भारत के निजी क्षेत्र का लाभ उठाएगा और वृक्ष-आधारित उद्यमों को बढ़ावा देगा तथा कार्बन क्रेडिट की बिक्री करेगा, जिससे रोजगार सृजित करने और आय वृद्धि में सहयोग मिलेगा।

 इस अवसर पर सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग,  आशीष तिवारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष,  ममता संजीव दूबे, सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

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