गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण:-
1. चन्द्र भूषण दूबे पुत्र स्व0 जगदीष दूबे निवासी 1/397 विकास नगर, सेक्टर 01, लखनऊ हाल पता भगवती पुरम 308/क1 इन्दिरा नगर, लखनऊ।
बरामदगी-
1. 02 अदद मोबाइल फोन।
2. 03 अदद कूटरचित नियुक्ति पत्र।
3. 04 अदद कूटरचित पहचान पत्र (एफसीआई व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन)
4. 02 अदद शपथ पत्र।
5. 05 अदद बैंक चेक (बैंक आफ बडोदा रू0 22 लाख के)
6. 01 अदद डीएल।
7. 01 अदद पैन कार्ड।
8. 02 अदद एटीएम कार्ड।
9. 04 अदद सिम कार्ड।
10. 620 रू0 नकद।
गिरफ्तारी का स्थान व समयः-
दिनांकः 03.10.2022, स्थानः पालीटेक्निक चौराहा जनपद लखनऊ। समयः 16ः30 बजे।
एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झॉसा देकर कूटरचित नियुक्ति पत्र, परिचय पत्र आदि देकर ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। इस सम्बन्ध में श्री विशाल विक्रम सिंह, प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण में उ0नि0 श्री पंकज सिंह, साइबर टीम एस0टी0एफ0 मुख्यालय के नेतृत्व में अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि चन्द्र भूषण दुबे निवासी लखनऊ द्वारा कूटरचित नियुक्ति पत्र व पहचान-पत्र के माध्यम से नौकरी दिलाने का झांसा देकर लगभग सैकड़ों लोगों से करोड़ों रूपये की ठगी की गयी है, जिसके सम्बन्ध में पुनीत कुमर सिंह द्वारा दिनांक 14-08-2022 को थाना महानगर पुलिस कमिष्नरेट लखनऊ में मु0अ0सं0 216/2022 धारा 406/420/467/468/471/504/506 भादवि पंजीकृत कराया गया। मुकदमें के वादी पुनीत सिंह ने बताया कि चन्द्र भूषण दुबे से मेरा परिचय कन्हैया अग्रहरी के माध्यम से हुआ था चन्द्र भूषण ने बताया था कि वह सरकारी विभागों में नियुक्तियॉ कराने का काम करता है। नियुक्ति के अनुसार पैसा लगता है। वर्ष-2019 में मेरे जानने वाले 06 युवकों को भारतीय खाद्य निगम में नियुक्ति कराने के लिए 03 लाख रू0 प्रति अभ्यर्थी, मण्डी परिषद में भर्ती कराने के लिए 08 युवकों से 55 हजार रू0 प्रति अभ्यर्थी, ग्रामीण डाक सेवा में 03 व्यक्तियों से 1.50 लाख रूपये प्रति अभ्यर्थी, 108 एम्बुलेन्स सेवा में भर्ती कराने के नाम पर 01 युवक से 60 हजार रूपये लेकर उन्हे फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया था। उक्त नियुक्ति पत्र लेकर लोग ज्वाइन करने अपने-अपने विभाग में पहुचे तो वहॉ पता चला कि यह सब कूटरचित है। चन्द्रभूषण दुबे उपरोक्त कई अभ्यर्थियों से कुल 28,40,000/- (अठ्ठाइस लाख चालीस हजार) रू0 की ठगी किया है। उपरोक्त सूचना को अभिसूचना सकंलन के माध्यम से विकसित करते हुए मुखबिर खास द्वारा मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम द्वारा थाना महानगर, लखनऊ पुलिस को साथ लेकर दिनांक 03-10-2022 को समय करीब 16ः30 बजे वांछित अभियुक्त को पालीटेक्निक चौराहा जनपद लखनऊ से गिरफ्तार किया गया, जिससे उपरोक्त बरामदगी हुई।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त चन्द्र भूषण दुबे ने बताया कि वर्ष-2008 मे मैने ईगल सिक्यूरिटी गार्ड सर्विसेज के नाम से एक कम्पनी बनाई जिसका आफिस विकास नगर में खोला। परन्तु काम अच्छा न चलने के कारण वर्ष-2016 में इस कम्पनी को बन्द कर प्रापर्टी का काम करने लगा इसी दौरान मेरी मुलाकात अभिलाष मणि त्रिपाठी से हुई त्रिपाठी ने बताया कि वह पोस्ट आफिस में नौकरी दिलाने का काम करता है, उसके साथ मनोज यादव व हरिवंष वर्मा भी काम करते थे। जिस पर हम लोगों ने मिलकर योजना बनाई कि बेरोजगार युवको को अलग-अलग विभागों में नौकरी दिलाने का झॉसा देकर उनसे मोटी रकम वसूली जा सकती है। इसके बाद हम लोगों ने वायरलेस चौराहा महानगर में एक फर्जी आफिस बनाया जहॉ पर हम लोगों द्वारा बेरोजगार अभ्यर्थियों को बुलाकर विभाग के अनुसार पैसा लिया जाता था। अभ्यर्थियों को यह विष्वास दिलाने के लिए कि उनकी नौकरी लग लग गयी है हम लोग कूटरचित नियुक्ति पत्र व पहचान पत्र बनाकर उनको देते थे और उनसे रूपये ले लेते थे, प्राप्त पैसे को हमलोग आपस में बराबर-बराबर बांट लेते थे। अभ्यर्थी अपने अपने विभागों में ज्वाइनिंग करने जाते थे तो उनको पता चलता था कि यह फर्जीवाड़ा है, जिस पर हम लोग पहले उनको अलग अलग बहाने बनाकर कुछ दिन टालते रहे फिर वर्ष-2020 में अपना आफिस बन्द कर फरार हो गये और मोबाइल नम्बर भी बदल दिये। वर्ष-2016 से 2020 तक हम लोगों द्वारा लगभग 300 व्यक्तियों से लगभग करोड़ों की ठगी की गयी है।
उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्त को थाना महानगर, पुलिस कमिष्नरेट लखनऊ में मु0अ0सं0 216/2022 धारा 406/420/467/468/471/504/506 भादवि में दाखिल कर अग्रेतर विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।