अहमदाबाद (मानवी मीडिया) नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी NEET के नतीजे बुधवार को जारी हो गए हैं। डॉक्टर बनने का सपना लिए कई छात्रों ने इन नतीजे देखे होंगे, लेकिन इनमें गुजरात का एक ऐसा 52 वर्षीय शख्स भी है, जो अलग ही योजना बना रहा है। खबर है उन्होंने केवल छात्रों में आत्मविश्वास जगाने और खुद पर भरोसा दिलाने के लिए NEET की परीक्षा पास की। अब उनके पूरे सफर को विस्तार से समझते हैं।
प्रदीप कुमार सिंह अहमदाबाद के बोडकदेव इलाके में रहते हैं और पेशे से कारोबारी हैं। बुधवार को जारी हुए नतीजों के अनुसार, उन्होंने 702 में से 607 अंक हासिल किए हैं। हालांकि, उनका सपना मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेकर डॉक्टर बनना नहीं है। इससे उलट वह बाहर रहकर गरीब बच्चों को मुफ्त कोचिंग देकर डॉक्टर बनते देखना चाहते हैं।
सिंह कहते हैं, '52 साल की उम्र में मैंने 98.98 पर्सेंटाइल हासिल किया है। मेडिकल कॉलेज जाना मेरा मकसद नहीं है, लेकिन मैं गरीब बच्चों के लिए फ्री नीट कोचिंग सेंटर शुरू करना चाहता हूं।'
सिंह के बेटे बिजिन स्नेहांश भी तृतीय वर्ष में एमबीबीबीएस छात्र हैं। वह अपने पिता के इस मिशन में पूरा समर्थन दे रहे हैं। सिंह भी हमेशा पढ़ने में उत्सुक रहे हैं। साल 1987 में उन्होंने 12 कक्षा में 71 फीसदी हासिल किए थे। बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर्स डिग्री हासिल की और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स इन बिजनेस इकोनॉमिक्स पूरी की।
जब अपने बेटे की फीस भरी तो मिली प्रेरणा
साल 2019 में स्नेहांश ने नीट की परीक्षा दी और 595 अंक हासिल किए थे। सिंह कहते हैं, 'जब मेरे बेटे ने नीट की तैयारी करने की शुरुआत की, तो मुझे एहसास हुआ कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स मोटी फीस लेते हैं और यह गरीब उम्मीदवारों की पहुंच से बाहर है।' उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा बायो में अच्छा है और मेरी फिजिक्स और केमिस्ट्री अच्छी है। हमने इन विषयों को मुफ्त में पढ़ाने का फैसला किाय। फिलहाल, हम कुछ छात्रों को पढ़ाते हैं, जिनके माता-पिता मनरेगा में काम करते हैं।'