राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रिलिटिगेशन और लम्बित वादों को मिलाकर लगभग 41 लाख से अधिक वादों का निस्तारण - मानवी मीडिया

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Saturday, August 13, 2022

राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रिलिटिगेशन और लम्बित वादों को मिलाकर लगभग 41 लाख से अधिक वादों का निस्तारण


लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव  संजय सिंह-प् ने बताया कि न्यायमूर्ति  यू0यू0 ललित, न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ;छ।स्ै।द्धए न्यायमूर्ति  राजेश बिन्दल, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्च्ैस्ै।द्ध के मार्गदर्शन व माननीय न्यायमूर्ति  प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद/कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ;न्च्ैस्ै।द्ध के कुशल निर्देशन में आज 13 अगस्त, 2022 को सम्पूर्ण प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी। उन्होंने बताया कि प्राप्त सूचना के अनुसार सायं 05ः00 बजे तक उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रिलिटिगेशन और लम्बित वादों को मिलाकर लगभग 41 लाख से अधिक वादों का निस्तारण किया गया। समाचार लिखे जाने तक लोक अदालत में वादों के निस्तारण का कार्य जारी है।

उन्होंने बताया कि 26 जुलाई, 2022 को  न्यायमूर्ति  राजेश बिन्दल, मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, मोटर दुर्घटना ट्रिब्युनल, पारिवारिक न्यायालय, व्यवसायिक न्यायालय व स्थायी लोक अदालत आदि के पीठासीन अधिकारियांेें से विशेष रूप से न्यायालयों में लम्बित मामलों के अधिक से अधिक संख्या में निस्तारण करने एवं राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने का अह्वान किया।
सदस्य सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों की समीक्षा हेतु 02 अगस्त, 2022 को  दुर्गाशंकर मिश्र, मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन, श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह, उ0प्र0 शासन,  देवेन्द्र सिंह चौहान, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन एवं सचिव गृह, समस्त विशेष सचिव गृह, एवं समस्त मण्डलायुक्त, पुलिस आयुक्त, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिदेशक, समस्त जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकगण आदि से जूम मीटिंग किया गया तथा राष्ट्रीय लोक अदालत में पूर्व से अधिक वाद निस्तारित करने हेतु निर्देशित किया गया।

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