दावत-ए-इस्लामी का स्थानीय संचालक है सरताज - मानवी मीडिया

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Friday, July 1, 2022

दावत-ए-इस्लामी का स्थानीय संचालक है सरताज


कानपुर (
मानवी मीडिया कमिश्नरी पुलिस ने दावत-ए-इस्लामी का इतिहास खंगालना शुरू कर दिया है। पुराने विवाद, शिकायतों और संगठन से जुड़े सदस्यों को तलाशा जा रहा है। इसके लिए कमिश्नरी पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राजस्थान पुलिस से संपर्क किया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पुलिस संगठन के कार्यालय की तलाशी ले सकती है।


दावत-ए- इस्लामी कानपुर में वर्षों से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है। पिछले साल यह संगठन तब चर्चा में आया था, जब सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने विभिन्न आरोप लगाए थे। राजस्थान प्रकरण सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा के आदेश पर दावत-ए-इस्लामी की जड़ें खंगालने का काम पुलिस ने शुरू कर दिया है।


पुलिस अधिकारियों ने एनआईए व राजस्थान पुलिस से संपर्क साधा है। अब तक पड़ताल में पता चला है कि दावत-ए-इस्लामी के स्थानीय संचालकों में सबसे बड़ा नाम सरताज भैया का है। वह तलाक महल का रहने वाला है। मुस्लिम क्षेत्रों में संगठन के करीब 50 हजार समर्थक हैं। जाजमऊ में गंगा पार बड़ा मदरसा बनाया जा रहा है।

इसके साथ ही नई सड़क बवाल में इस संगठन की भूमिका को लेकर भी जांच की जा रही है। उधर, कानपुर में दावत-ए-इस्लामी, अपराधी संगठन डी-टू (जिला स्तर पर दूसरे नंबर पर पंजीकृत अपराधियों का गैंग), पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया) की गतिविधयां भी मिली हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के कई स्लीपिंग माड्यूल सक्रिय होने की बात कही जा रही है। पिछले साल मतांतरण के विवाद में उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद कुछ संगठन सक्रिया हुए थे। उनके बारे में भी पता किया जा रहा है।

193 देशों में दावत-ए-इस्लामी का नेटवर्क

उदयपुर में कन्हैयालाल के हत्यारे जिस पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े हुए हैं, उसका नेटवर्क भारत सहित दुनिया के 193 देशों में है। भारत में दिल्ली और मुंबई में इनके बड़े ऑपरेटिंग सेंटर हैं। 90 के दशक में संगठन के शहर आने के बाद दावत-ए-इस्लामी अपने मरकज (सेंटर) बदलता रहा। सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी के अनुसार, दावत-ए-इस्लामी का सबसे पहले मरकज कर्नलगंज स्थित एक मस्जिद में था। फिर कर्नलगंज क्षेत्र के ही लकड़मंडी स्थित एक मस्जिद में बनाया गया। कुछ समय पहले डिप्टी पड़ाव गुरबत उल्लाह पार्क स्थित एक मस्जिद में मरकज बनाया गया था।

यू-ट्यूब चैनल से फैला रहे कट्टरता

मजीदी के अनुसार पाकिस्तान से संचालित होने वाले दावत-ए-इस्लामी ने अपनी कट्टरता को बढ़ाने के लिए मदनी नाम से यू-ट्यूब चैनल खोल रखा है। इस चैनल पर उर्दू के साथ अंग्रेजी व बांग्ला में भी कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। चैनल का संचालन पाकिस्तान से किया जाता है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस से शिकायत कर रखी है।

मजीदी ने धमकी मिलने पर दी तहरीर

दावत-ए-इस्लामी की गतिविधियों की शिकायत कौसर हसन मजीदी 2019 से लगातार पुलिस और प्रशासन से करते आ रहे हैं। उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। बुधवार रात 11 बजे भी उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। फोन करने वाले ने खुद को अमन इस्माइली बरेलवी बताया था। गुरुवार को मदीनी ने जूही थाने में तहरीर दी। जिस नंबर से धमकी मिली थी वह लगातार बंद आ रहा है। पुलिस मामले में साइबर सेल की मदद ले रही है। मजीदी ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

शहर के एक परिवार को फंसाया था धर्मांतरण के जाल में

धर्म प्रचार की आड़ में दावत-ए-इस्लामी के सक्रिय सदस्यों ने मुंबई, गुजरात, कश्मीर और राजस्थान में धर्मांतरण कराने के साथ ही कानपुर में भी एक हिंदू परिवार पर धर्मांतरण का दबाव डाला था, लेकिन साजिश का पता चलने पर नौबस्ता निवासी परिवार ने इनसे दूरियां बना ली थीं। वहीं दान के नाम पर एकत्र किया गया पैसा पहले मुंबई जाता है फिर वहां से गुजरात होते हुए पाकिस्तान भेज दिया जाता है।

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