क्रिकेट सट्टे के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का खुलासा - मानवी मीडिया

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Sunday, June 5, 2022

क्रिकेट सट्टे के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का खुलासा


आगरा (मानवी मीडियाक्रिकेट पर सट्टे के बड़े बुकी अंकुश मंगल की गिरफ्तारी के बाद इस धंधे के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का खुलासा हुआ है। यह पूरा धंधा दुबई से संचालित हो रहा था। आरोपी अंकुश ने वहां की वेबसाइट पर कमीशन पर अपने नाम सुपर मास्टर लॉगिन आईडी ले रखी थी। इसकी मदद से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में फैले अपने गुर्गों को सब-आईडी बेच रखीं थीं।

अंकुश के पास रहता था हर हिसाब 

पुलिस के मुताबिक, अंकुश क्रिकेट की हर गेंद और चौके-छक्कों का हिसाब रखता था। सट्टे की कमाई का लेखाजोखा भी एक सॉफ्टवेयर में रखा जाता था। पुलिस से बचने के लिए गुर्गों से बातचीत के लिए दुबई से खरीदी सिम का इस्तेमाल करता था। पुलिस ने रविवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अब उसकी साथियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

गैंगस्टर एक्ट में दर्ज हुआ मुकदमा 

एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि अंकुश मंगल और उसके छह साथियों के खिलाफ शुक्रवार को थाना न्यू आगरा में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी सिटी विकास कुमार और सीओ हरीपर्वत एएसपी सत्य नरायण के नेतृत्व में टीम को लगाया था। शनिवार को वह पुलिस उसे फरीदाबाद के पुरी आनंद विलास के सेक्टर 81 स्थित फ्लैट से गिरफ्तार कर लेकर आई। उसका एक घर कमला नगर के ब्रजधाम कॉलोनी फेस एक में भी है।

वेबसाइट से खरीदता था सुपर मास्टर लॉगिन आईडी

अंकुश से पुलिस ने पूछताछ की। इसमें उसने अपने पूरे सिंडिकेट का खुलासा कर दिया। सट्टे का पूरा खेल दुबई से संचालित होता है। वह दुबई से संचालित वेबसाइट www.diamondexch.com से अपने नाम पर सुपर मास्टर लॉगिन आईडी पांच से दस लाख रुपये में खरीदता था। उसकी सब-आईडी को आगे अपने गुर्गों को दस हजार से लेकर एक लाख रुपये तक में बेचता था। इनकी आईडी सुपर मास्टर आईडी से वितरित होकर गुर्गों के नाम पर होती थी। आईडी नाम के पहले अक्षर पर होती थी।

कॉल और चैट के माध्यम से करता था बात

सुपर मास्टर आईडी की मदद से उसे पता चल जाता था कि किस साथी की आईडी से किस सेशन में रुपये जीते गए और उन्होंने कितना मुनाफा कमाया। हर बाल पर बने रन, विकेट, चौके और छक्कों का हिसाब होता था। इसके बाद सोमवार से सोमवार हिसाब-किताब करता था। इसका लेखाजोखा भी सॉफ्टवेयर back and lay में रखता था। अंकुश के पास से एक आईफोन बरामद हुआ। पुलिस से बचने के लिए उसने दुबई से एक सिम ली थी। वह इस पर व्हाट्सएप चलाता था। इससे ही अपने गुर्गों से कॉल और चैट के माध्यम से बात करता था। 

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