प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत हेतु 01 जुलाई से ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया शुरू - मानवी मीडिया

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Thursday, June 30, 2022

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत हेतु 01 जुलाई से ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया शुरू


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लखनऊ: (मानवी मीडिया)प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न मात्स्यिकी परियोजनाओं अन्तर्गत विभागीय आनलाइन पोर्टल ीजजचरूध्ध्लिउपेण्नचेकबण्हवअण्पद पर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन करने की तिथि 01 जुलाई 22 से 15 जुलाई 22 तक है। योजनान्तर्गत परियोजनाओं का विवरण, इकाई लागत आवेदन करने की प्रक्रिया, आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले अभिलेख व विस्तुत विवरण विज्ञापन विभागीय पोर्टल ीजजचरूध्ध्लिउपेण्नचेकबण्हवअण्पद एवं विभागीय वेबासाइट ीजजचरूध्ध्पिेीमतपमेण्नचेकबण्हवअण्पद पर देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त टोल फ्री नम्बर 18001805661 पर जानकारी की जा सकती है।

 उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के  कैबिनेट मंत्री  डा0 संजय कुमार निषाद ने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि योजना में मुख्य रूप से तालाब निर्माण, तालाब निर्माण निवेश, खारे जल में मत्स्य पालन हेतु तालाब निर्माण, खारे जल में मत्स्य पालन हेतु निवेश, मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना, बायोफ्लाक पाण्ड, विभिन्न श्रेणी के आर0ए0एस0 एवं बायोफ्लाक, विभिन्न श्रेणी की फीड मिल एवं फीड प्लान्ट, साइकिल विथ आइस बाक्स, मोटर साइकिल विथ आइस बाक्स, थ्री व्हिलर विथ आइस बाक्स, इन्सुलेटेड व्हिकिल, केज कल्चर आदि परियोजनाएं प्रमुख हैं। इच्छुक व्यक्ति अपनी इच्छानुसार परियोजनाओं का चयन करते हुए निर्धारित समयावधि के अन्दर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। महिलाओं और अनुसूचित जाति के लिए 60 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है। पुरूष एवं सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत है।

        मत्स्य पालन के क्षेत्र से जुड़े हुए किसानों के कल्याण के लिए मंत्री  ने अपील करते हुए कहा है अधिक से अधिक लोग इस योजना लाभ उठाएं। अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग अर्हतायें हैं। लाभार्थी को चाहिए कि अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार योजना का चयन का लाभ लें और आय में वृद्धि करें। उन्होंनें सभी शिक्षित-अशिक्षित लोगों से अपील की है कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में विभाग से, विभाग की वेबसाइट से, पोर्टल से, विभागीय अधिकारियों से जनपद के, मंडल के अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर मत्स्य पालन के क्षेत्र में आयें, रोजगार पायें, पोष्टिक भोजन का उत्पादन करें, आत्मनिर्भर बने और राजस्व की वृद्धि में योगदान दें।

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