नई दिल्ली (मानवी मीडिया) अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा को लेकर सरकार अलर्ट है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सुरक्षा की जानकारी के लिए उच्च स्तरीय बैठक की है। खास बात है कि 2 सालों के बाद 30 जून को फिर वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। माना जा रहा है कि बीते हफ्ते जम्मू और कश्मीर में एक के बाद एक हुई हिंसक घटनाओं के चलते भी सरकार सतर्कता बरत रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शाह ने समीक्षा बैठक बुलाई थी। जिसमें जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा, केंद्र सरकार के सचिव और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF) और NIA के अधिकारी शामिल हुए थे। खास बात है कि इस बैठक से पहले ही सिन्हा दिल्ली पहुंच गए थे। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी।
खबर है कि बैठक में सुरक्षा की स्थिति ही सबसे बड़ मुद्दा रही। फिलहाल, जम्मू और कश्मीर में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की बडगाम में हत्या हो गई थी। भट्ट चडूरा स्थित तहसील कार्यालय में कार्यरत थे। इसके अलावा गुरुवार को कटरा जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस में भी धमाका हो गया था, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि, 20 घायल हो गए थे। आशंकाएं जताई जा रही थी कि स्टिकी बॉम्ब के जरिए बस को निशाना बनाया गया था।
यात्रा से पहले की जा रही हैं तैयारियां
अमरनाथ यात्रा के लिए खतरे के हर पहलू को भांपकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। ड्रोन हमले, स्टिक बम और आतंकियो के घात लगाकर हमले जैसी किसी भी आशंका को समाप्त करने के लिए कई स्तर की सुरक्षा का खाका तैयार किया गया है। 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की व्यापक तैनाती के साथ ही कश्मीर में पहले से मौजूद सुरक्षाबल द्वारा आतंकरोधी अभियान चलाया जा रहा है।
ये हैं खतरे
- ड्रोन और आईईडी से धमाका करने की कोशिश हो सकती है
- आतंकी ग्रेनेड के जरिए भी यात्रियों पर हमला कर सकते हैं
- वाहनों को स्टिक बम से निशाना बनाने के प्रयास हो सकते हैं
- यात्रियों के शिविर पर हमले की साजिश भी हो सकती है
सुरक्षा के इंतजाम
- सुरक्षाबलों की तरफ से एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने की तैयारी है
- ऊंचाई वाले इलाकों में स्नाइपर तैनात किए जाएंगे
- स्टिक बम जैसे खतरों से निपटने को वाहनों की सुरक्षा स्क्रीनिंग
- बुलेट प्रूफ और एमपीवी गाड़ियों को शामिल किया जाएगा