आपदाओं से हुई क्षतियों में उ0प्र0 सरकार दे रही सहायता - मानवी मीडिया

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Saturday, May 28, 2022

आपदाओं से हुई क्षतियों में उ0प्र0 सरकार दे रही सहायता


लखनऊ: (मानवी मीडिया) भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित आपदाओं यथा-आंधी, तूफान, आकाशीय विद्युत एवं डूबने आदि से हुई क्षतियों-जनहानि, घायल, पशुहानि, मकानक्षति आदि में राज्य आपदा मोचक निधि से अनुग्रह सहायता प्रदान की जा रही है।

राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आपदाओं के कारण मृत्यु होने की स्थिति में प्रति मृतक को रू0 4.00 लाख, शारीरिक अक्षमता 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत होने पर रू0 59,100/प्रति व्यक्ति, 60 प्रतिशत से अधिक शारीरिक अक्षमता होने की स्थिति में रू0 2.00 लाख/प्रति व्यक्ति, गंभीर चोट जिसके कारण एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती होने तक रू0 12700 प्रति व्यक्ति तथा एक सप्ताह से कम अस्पताल में भर्ती होने तक रू0 4300/ प्रति व्यक्ति अनुग्रह सहायता देय होगी।
अधिसूचित आपदाओं के कारण मकान के पूर्णतया क्षतिग्रस्त/नष्ट होने की स्थितियों में रू0 95100/प्रति मकान, पक्का मकान के आंशिक क्षतिग्रस्त होने पर रू0 5200/प्रति मकान, कच्चा मकान के आंशिक क्षतिग्रस्त होने पर रू0 3200/प्रति मकान, झोपड़ी के क्षतिग्रस्त/नष्ट होने पर रू0 4100/प्रति झोपड़ी तथा मकान से सम्बद्ध पशुशाला क्षतिग्रस्त/नष्ट होने पर रू0 2100/अनुग्रह सहायता देय होगी।
अधिसूचित आपदाओं के कारण पशुहानि होने पर दुधारू पशुओं में भैंस/गाय/ऊंट/याक आदि की हानि होने पर रू0 30,000./, भेंड/बकरी/सुअर की हानि होने पर रू0 3000/, गैर दुधारू पशुओं ऊंट/घोड़ा/बैल आदि की हानि होने पर रू0 25000/, गाय/भैंस का बछड़ा/गधा/टट्टू/खच्चर की हानि होने पर रू0 16000/, तथा कुक्कुट (प्रति पक्षी) रू0 50/- की अनुग्रह सहायता देय होगी।
राजस्व विभाग के अनुसार 23 मई, 2022 को प्रदेश में आंधी तूफान से 22, डूबने से 12 एवं आकाशीय विद्युत से 5 जनहानि अर्थात कुल 39 जनहानि हुई है। इसके अतिरिक्त आकाशीय विद्युत से 03 व्यक्तियों की घायल होने तथा जनपद शाहजहांपुर एवं बांदा से 03 पशुहानि की सूचना प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री  द्वारा 23 मई, 2022 को प्रदेश में आंधी, तूफान, आकाशीय विद्युत व डूबने से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को 24 घण्टे के अंदर अनुग्रह सहायता दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं। यह भी निर्देश है कि प्रभावित परिवारों को अनुग्रह सहायता दिये जाने में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय।

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