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Thursday, March 24, 2022

अमित शाह ने बताया योगी सरकार का टारगेट, 5 साल में बनी नींव पर अब बुलंद इमारत


लखनऊ
 (मानवी मीडियाउत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के चुने गए 273 विधायकों ने योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर अगले मुख्यमंत्री के तौर पर उनके नाम पर मुहर लगा दी है। पर्यवेक्षक के तौर पर इस बैठक में मौजूद रहे गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने योगी की नई सरकार का रोडमैप भी पेश किया। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में जो नींव रखी गई है उस पर अब एक बुलंद इमारत बनानी है। यूपी को अब उसका खोया गौरव दिलाना है, जल्द से जल्द यूपी को नंबर एक की अर्थव्यवस्था बनाना है। उन्होंने इस दौरान परिवारवाद, जातिवाद और प्रशासन के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना भी साधा। 

शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास की नींव डालने का काम जो 5 साल में हुआ है, आगे के 5 साल यूपी को खोए हुए गौरव को वापस दिलाने का है और यूपी को नंबर एक बनाने का है। यहीं से शुरू होती है बदलाव की यात्रा। यहीं से शुरू होती है विकास की यात्रा। यहीं से शुरू होती है नींव पर समृद्धि की बुलंद इमारत बनाने की यात्रा। गरीब और युवाओं के और छोटी बच्चियों की आशाओं को पूरा करने की यात्रा। इसे सभी विधायकों को योगी जी के नेतृत्व में पूरा करना है।

अमित शाह ने कहा, ''आज हम सब के लिए आनंद का विषय है कि यूपी विधानसभा का नया इतिहास लिखने का क्षण हो रहा है। 35 सालों से कभी भी एक पार्टी को दूसरी बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। भाजपा अकेली पार्टी है जिसने दोनों बार दो तिहाई समर्थन हासिल किया। यूपी की स्थापना से अब तक कोई भी मुख्यमंत्री अपने शासन के आधार पर फिर से एक बार जनादेश लेकर मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। हमारे लिए आनंद का विषय है कि योगी जी को दूसरी बार जनता ने चुना है।'' 

अमित शाह ने भाजपा से पहले यूपी में सरकार चालने वाली सपा और बसपा जैसे पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी में जातिवादी और परिवारवादी नासूर ने जनता की आशा को खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा, ''यूपी कई सालों से राजनीतिक अस्थिरता का केंद्र रहा। आजादी के शुरुआत समय के बाद यहां मूल्यों का क्षरण हुआ और राजनतीकि विचारधारा भी क्षरण हुआ। जातिवादी पार्टियां पनपती गईं। इस वजह से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल 2014 तक चला।'' भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने 2014, 2017 और 2019 में मिली जीत का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे 2014 लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं को विश्वास हुआ कि उनकी पार्टी यूपी में 300 पार जा सकती है। 

अमित शाह ने कहा कि 2017 से पहले यूपी की सरकारों ने योजनाओं को जमीन पर नहीं पहुंचने दिया। जातिवाद के कारण योजनाएं लोगों तक नहीं पहुंची। भ्रष्टाचार और प्रशासन के राजनीतिकरण के कारण योजनाएं जमीन पर नहीं पहुंचीं। शाह ने कहा कि 2017 में जब योगी ने सत्ता संभाली तो उनके सामने ढेर सारी चुनौतियां थीं, बिखरा अर्थतंत्र था, छिन्न-भिन्न प्रशासनिक ढांचा था। पूरे प्रशासन का राजनीतिकरण हो चुका था, राजनीति का अपराधीकरण हो गया था, कानून-व्यवस्था का कोई तौर तरीका नहीं था। उद्योगपति लखनऊ आने को तैयार नहीं थे। गरीबों की लोकतंत्र के अंदर श्रद्धा नहीं बची थी। जातिवाद ने उनकी आशा को खत्म कर दिया था, परिवारवाद के नासूर ने आशा को खत्म कर दिया था। 

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