मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या गरीबी का कारण है। उन्होंने दो बच्चों के बीच गैप होने की भी वकालत की। इसके पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर दो बच्चों के बीच एक अच्छा अंतराल नहीं होगा तो उनके पोषण पर भी असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी और बढ़ती आबादी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जनसंख्या नीति को लागू करने में समाज के हर तबके का ध्यान रखा गया है।
उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति जारी, मुख्यमंत्री योगी बोले- राज्य में प्रजनन दर घटाने की जरूरत
दिल्ली-उत्तर प्रदेश :लखनऊ में अलकायदा के दो आतंकी गिरफ्तार, प्रेशर कुकर बम बरामद- पूरा इलाका छावनी में तब्दीलगैंगरेप की शिकार विवाहिता ने की खुदकुशीदिल्ली पुलिस ने पकड़ी 2500 करोड़ की हेरोइन, 4 आरोपी गिरफ्तारदिल्ली में ध्वनि प्रदूषण करने वालों की अब खैर नहीं, नियमों में हुआ बड़ा बदलाव - देखें जुर्माने की पूरी लिस्टबस्ती मे पूर्व मन्त्री को किया नजरबन्दबस्ती मे लाइन हाजिर थानेदार की विदाई का वीडियो वायरल, 15 निलंबित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जनसंख्या नीति का संबंध केवल जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ ही नहीं है, बल्कि हर एक नागरिक के जीवन में खुशहाली और समृद्धि का रास्ता उसके द्वार तक पहुँचाना भी है। उत्तर प्रदेश में और प्रयास की जरूरत है। हम बढ़ती आबादी को लेकर लोगों को जागरूक करते रहेंगे। स्कूलों में और अन्य सार्वजनिक जगहों पर इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा।”
बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा जारी की गई नई जनसंख्या नीति के तहत सरकार ने जन्मदर कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत सरकार गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाएगी और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने का प्रयास भी करेगी।
उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति का ऐलान, CM योगी बोले- बढ़ती आबादी विकास में बाधक -
उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात जन्म दर, मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर को कम करने तथा नपुंसकता/बांझपन की समस्या के सुलभ समाधान उपलब्ध कराने का प्रयास भी होगा। वर्ष 2026 तक जन्मदर को प्रति हजार आबादी पर 2.1 तक तथा वर्ष 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुगों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था भी की जाएगी। नई नीति में आबादी स्थिरीकरण के लिए स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाये जाने का प्रस्ताव भी शामिल है। डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों व बुजुर्गों की डिजिटल ट्रैकिंग भी कराने की योजना है।