ग्रामीण भारत मे बेकाबू कोरोना, 4 गुना बढ़े मामले- पूर्व हॉकी खिलाड़ी रविंदर पाल सिंह का निधन - मानवी मीडिया

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Saturday, May 8, 2021

ग्रामीण भारत मे बेकाबू कोरोना, 4 गुना बढ़े मामले- पूर्व हॉकी खिलाड़ी रविंदर पाल सिंह का निधन


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): देश में कोरोना आऊट ऑफ कंट्रोल होता दिख रहा है। पिछले 24 घंटों में महामारी से 4 हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ चुके हैं। वहीं आज ओलंपिक स्वर्ण विजेता पूर्व हॉकी खिलाड़ी रविंदर पाल सिंह का भी कोरोना से निधन हो गया है। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सदस्य और मॉस्को ओलंपिक 1980 के गोल्ड मेडल विजेता रविंदर पाल सिंह ने करीब दो सप्ताह कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शनिवार की सुबह लखनऊ में अंतिम सांस ली। वह 65 साल के थे। सिंह को 24 अप्रैल को विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।Covid-19: दूसरी लहर की चपेट में ग्रामीण भारत भी, 4 गुना बढ़े संक्रमण और मौत के मामल

 करोना संक्रमण की दूसरी लहर अब देश के ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से फैलने लगी है। पिछले कई दिनों से एक्सपर्ट लगातार सचेत कर रहे हैं कि ग्रामीण या पिछड़े क्षेत्रों में संक्रमण में तेजी आई है। पिछले साल सितंबर में कोविड-19 संक्रमण की पहली पीक के मुकाबले, भारत के पिछड़े या ग्रामीण इलाकों में इस बार मामले चार गुना बढ़ चुके हैं। मौत की संख्या भी इतनी ही तेजी से बढ़ी है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार के बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड (BRGF) के तहत आने वाले 272 में से देश के 243 जिलों में 5 मई तक 39.16 लाख लोग संक्रमित हुए। यह 16 सितंबर 2020 को पहली लहर के पीक में 9.5 लाख संक्रमण के मामलों का चार गुना से भी ज्यादा है। वहीं इन जिलों में एक्टिव केस की संख्या भी पहले की तुलना में काफी ज्यादा हैं। पहली लहर की तुलना में फिलहाल एक्टिव केसलोड 4.2 गुना अधिक है। बता दें कि शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि ग्रामीण या छोटे शहरी इलाकों फैलते संक्रमण को रोकने की क्या तैयारी है रिपोर्ट के अनुसार, इन जिलों में अभी 7.15 लाख एक्टिव केस (इलाज करा रहे लोग) हैं, जिससे इन ग्रामीण जिलों के स्वास्थ्य ढांचे पर काफी ज्यादा असर पड़ा है। इसके अलावा इन जिलों में मौत की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। 5 मई तक इन 243 जिलों में 36,523 मौतें दर्ज की गई, जो पहली लहर की पीक के समय के मुकाबले 4 गुना ज्यादा है। 16 सितंबर 2020 तक इन जिलों में कोविड-19 संक्रमण से 9,555 लोगों की मौत हुई थी।BRGF के तहत आने वाले 272 जिलों में करीब 54 फीसदी जिले सिर्फ 5 राज्यों- बिहार के 38, उत्तर प्रदेश के 35, मध्य प्रदेश के 30, झारखंड के 23 और ओडिशा के 20 जिले हैं। ये राज्य देश के शहरी इलाकों में सबसे ज्यादा श्रम बल या प्रवासी मजदूर उपलब्ध कराते हैं।  243 जिलों के डेटा के आधार पर, पहली और दूसरी लहर में संक्रमण के मामले चार गुना बढ़ गए लेकिन देश के कुल संक्रमित मामलों में इसकी हिस्सेदारी देखें तो यह पहले की तरह 18.6 फीसदी पर ही है। हालांकि इन जिलों में मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ गया है। पिछले साल 16 सितंबर को इन जिलों में देश में मौत की कुल संख्या (83,198) का 11.5 फीसदी हिस्सा था। 5 मई के आंकड़ों के अनुसार, यह बढ़कर 16 फीसदी हो गया है।इन 272 जिलों में अधिकतर जगहों पर सिर्फ आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं ही हैं। महामारी फैलने के बाद राज्य सरकारें जो नई तैयारियां कर रही हैं, वो ज्यादातर शहरी इलाकों में हो रही हैं, इसलिए इन जिलों के मरीजों को भी शहरों के तरफ दौड़ना पड़ रहा है, जहां बढ़ते केसलोड के कारण पहले ही स्वास्थ्य ढांचे पर बड़ा दबाव है।शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,01,078 नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 4,187 लोगों की मौत हुई है। नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,18,92,676 हो गई। वहीं देश में कुल मौतों की संख्या 2,38,270 हो चुकी है। देश में एक्टिव केस की कुल संख्या 37,23,446 हो गई है, जो कुल मामलों का 17 फीसदी

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