बेंच ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि देश के अन्य हिस्सों में लोगों को
मरना चाहिए। लेकिन अगर किसी विशेष राज्य की मांग कम है, तो आपने उसे
ज्यादा सप्लाई क्यों कर रहे हैं? आप दिल्ली की डिमांड पूरी क्यों नहीं
करते? ऑक्सीजन किल्लत पर हाईकोर्ट ने कहा, "हमारा पास लोगों की कई कॉल आ
रही हैं, यहां तक कि आप (सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता) से भी लोग कॉल करके
बेड के लिए अनुरोध कर रहे हैं। दिल्ली में लोग पीड़ित हैं और कई लोग
ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गंवा चुके हैं, केंद्र से इन समस्याओं का
समाधान निकालें।"
दिल्ली सरकार के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि 8 पीएसए प्लांट्स में से
सिर्फ 2 प्लांट ही ऑपरेशनल हैं जबकि दो और प्लांट 30 अप्रैल से चालू होंगे।
दिल्ली सरकार ने इसके लिए सभी प्रकार की अनुमति दे दी है लेकिन कुछ
अथॉरिटी ने यह कहकर रोक लगाई हुई है कि इसमे कुछ बदलाव की आवश्यकता है और
इसके लिए केंद्र शासित प्रदेश को कुछ बदलाव के साथ फिर से अप्रूवल लेना
होगा।
नई दिल्ली (मानवी मीडिया) दिल्ली के अस्पतालों में
ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाईकोर्ट के निशाने पर इस बार केंद्र सरकार रही।
जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने गुरुवार को केंद्र सरकार से
पूछा कि अगर दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है तो
मध्यप्रदेश को ज्यादा सप्लाई करने की क्या वजह है।