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Monday, March 1, 2021

केन्द्र की तरफ से राज्य के IPS को वापस बुलाने के अधिकार को चुनौती वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): उच्चतम न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों को अपने पास प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के केंद्र सरकार के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल के निवासी एवं पेशे से वकील अबु सोहेल की याचिका संक्षिप्त सुनवाई के दौरान खारिज कर दी। गौरतलब है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाये जाने पर केंद्र और राज्य सरकार में तनातनी हो चुकी है। याचिकाकर्ता ने भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियमावली, 1954 के नियम 6(1) की संवैधानिकता को चुनौती दी थी, जिसके तहत आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर अपने पास बुलाने का केंद्र को अधिकार है। 

दरअसल, भारतीय पुलिस सेवा एक अखिल भारतीय सेवा है. इनमें अधिकारियों की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। आईपीएस अधिकारियों का कैडर आवंटन केंद्रीय गृह मंत्रालय करता है, उसका इन अधिकारियों पर नियंत्रण होता है। हालांकि, एक बार किसी राज्य कैडर में आवंटित हो जाने के बाद आईपीएस अधिकारी उस राज्य सरकार के तहत काम करता है। राज्य सरकार उसे किसी पद पर नियुक्त करती है, जब ज़रूरी हो उसका ट्रांसफर करती है। केंद्र सरकार ज़रूरी पडऩे पर किसी आईपीएस अधिकारी को सेंट्रल डेप्यूटेशन यानी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अपने पास बुला सकती है, ऐसा एक निश्चित समय तक के लिए किया जा सकता है।

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