मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में ‘मिशन किसान कल्याण’ के अंतर्गत कृषि मेले एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन किया - मानवी मीडिया

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Sunday, March 21, 2021

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में ‘मिशन किसान कल्याण’ के अंतर्गत कृषि मेले एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन किया


मुख्यमंत्री ने कृषकों को मिनी किट एवं प्रमाण-पत्र का वितरण, एफ0पी0ओ0 शक्ति पोर्टल का लाँच एवं कृषि विकास पुस्तिका का विमोचन किया

केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों के हितों के
लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं

किसान खुशहाल होगा, तो गांव खुशहाल होगा, गांव खुशहाल
होगा, तो इससे देश के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा

केन्द्र एवं राज्य सरकार ने अन्नदाता के जीवन में
व्यापक परिवर्तन लाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कीं

किसानों के लिए 20 करोड़ रु0 की लागत से एक छात्रावास एवं
राजकीय कृषि विद्यालय के नवीन प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया


लखनऊ:  (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज जनपद गोरखपुर में राजकीय कृषि विद्यालय चरगांवा ब्लॉक में मिशन किसान कल्याण के अंतर्गत कृषि मेले एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने 10 कृषकों को मिनी किट एवं प्रमाण-पत्र का वितरण, एफ0पी0ओ0 शक्ति पोर्टल का लाँच एवं कृषि विकास पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जी ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री  ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा आज प्रदेश के अधिकांश विकास खण्डों में किसानों के कल्याण के लिए चल रही सरकार की योजनाओं को लेकर वृहद् आयोजन किये गये हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं। अगर किसान खुशहाल होगा, तो गांव खुशहाल होगा, गांव खुशहाल होगा, तो इससे देश के विकास का मार्ग प्रशस्त होेगा। आजादी के बाद पहली बार वर्ष 2014 में किसान देश की राजनीति के एजेण्डे का हिस्सा बने हैं। गांव के विकास के लिए, महिलाओं के अधिकार के लिए सरकार की नीतियां बननी प्रारंभ हुईं। आज उसी का परिणाम है कि हर एक क्षेत्र में कुछ नया देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार ने अन्नदाता के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। आज किसानों के लिए 20 करोड़ रुपये की लागत से एक छात्रावास एवं राजकीय कृषि विद्यालय के नवीन प्रशासनिक भवन का भी शिलान्यास किया गया है। उन्हांेने कहा कि किसी किसान के उत्पाद पर मंडी शुल्क नहीं लिया जाता है, लेकिन मंडी अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा किसान कल्याण के लिए सीधे खर्च करता है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से वह पैसा किसान कल्याण के लिए ही खर्च होता है।
मुख्यमंत्री  ने जनपद गोरखपुर के एक किसान द्वारा दो बीघे में स्ट्रॉबेरी की खेती का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने दो बीघे में स्ट्रॉबेरी की खेती से मात्र छह महीने में 14 लाख कमाया है। जिसमें किसान को 06 लाख का मुनाफा हुआ है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि कृषि कानून में मंडियां बंद नहीं होंगी, बल्कि मंडियां एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए खड़ी हो रही हैं। जून, 2020 से अब तक एक भी मंडी बंद नहीं हुई, इतना ही नहीं मंडियों को वन नेशन, वन मार्केट की तर्ज पर जोड़ने का कार्य हो रहा है।
    मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 04 वर्ष के कार्यकाल में 1.27 लाख करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया है। प्रदेश सरकार ने 04 वर्ष में 20 लंबित परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया है, 09 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 11 परियोजनाएं इस वित्तीय वर्ष में पूरी होंगी। 20 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा प्रदान हो सकेगी।
     मुख्यमंत्री  ने कहा कि विगत वर्ष 56 लाख मी0 टन धान की खरीद की गयी थी इस वर्ष 69 लाख मी0 टन धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकांश चीनी मिलें बन्द हो गयी थीं। वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद चीनी मिलों को पुनः संचालित कराया गया। गोरखपुर में पिपराइच चीनी मिल संचालित की गयी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2 करोड़ 42 लाख किसानों को लगभग 27 हजार करोड़ रुपये उनके खातों में भेजे गये।
    मुख्यमंत्री  ने कहा कि किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए लागत को कम करना होगा। इसके लिए प्रदेश के जिले में एक अथवा दो कृषि विज्ञान केन्द्र कार्य कर रहे हैं, जो किसानों को शासन की विभिन्न योजनाएं एवं तकनीक का लाभ प्रदान करने में सहयोग कर रहे हैं। किसानों की लागत कम करके उनकी आय को बढ़ाना होगा।
    इस अवसर पर कृषि मंत्री  सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। किसानों की बदहाली को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानांे का 36 हजार करोड़ रुपये की कर्ज को माफ किया गया। दो वर्ष के अन्दर इस योजना का क्रियान्वयन हुआ। किसानों का एक लाख रुपये तक कर्ज माफ किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में भी धान खरीद की गयी। प्रवासी श्रमिकांे को भी सहायता प्रदान की गयी।
    इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव कृषि  देवेश चतुर्वेदी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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