नई दिल्ली (मानवी मीडिया): राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2021 पेश किया। इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 11 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वहीं, FY21 में वित्तीय घाटा लक्ष्य से ज्यादा रहने की संभावना है। सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ -7.7 फीसदी रहने का अनुमान है। इस साल इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट 2021 को भी सत्र के पहले दिन ही पेश किया गया है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमणियम की अगुवाई वाली टीम ने 2020-21 की आर्थिक सर्वे तैयार किया है। इसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी दिए जाने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आगे किए जाने वाले सुधारों के बारे में सुझाव दिए गए हैं। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से पुनरूद्धार की उम्मीद है।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह इस दशक का पहला सत्र है और यह दशक भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को तेज गति से सिद्ध करने का यह स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। इस दशक का भरपूर उपयोग हो इसलिए इस सत्र में पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हों। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हो, यह देश की अपेक्षाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के
इतिहास में यह पहली बार हुआ कि 2020 में वित्त मंत्री को अलग-अलग पैकेज के
रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देने पड़े। उन्होंने कहा कि यानी 2020
में एक प्रकार से मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। इसलिए यह बजट भी 4-5 मिनी
बजट की सीरीज में ही देखा जाएगा, यह मुझे पूरा विश्वास है।