रावण को मानते हैं अपना दामाद,  इस शहर के लोग, संतान प्राप्ति के लिए भी करते हैं पूजा - मानवी मीडिया

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Thursday, October 22, 2020

रावण को मानते हैं अपना दामाद,  इस शहर के लोग, संतान प्राप्ति के लिए भी करते हैं पूजा

उज्जैन (मानवी मीडिया): इस दिन रावण का पुतला जलाकर बुराई का अंत किया जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में साल भर रावण की पूजा की जाती है और दशहरे पर प्रतीकात्मक वध किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि यहां के लोग मानते हैं रावण की पत्नी मंदोदरी मंदसौर की थी। इसलिए रावण को यहां जमाई यानी दामाद माना जाता है।प्राचीन रावण रूण्डी की प्रतिमा – खानपुरा  महिलाएं निकालती हैं घूंघट मंदसौर के खानपुरा क्षेत्र में 41 फीट ऊंची रावण की प्रतिमा का इतिहास 400 साल पुराना बताया जाता है। पूर्व में पहले दो बार प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने के बाद 2005 में स्थानीय प्रशासन ने यहां तीसरी बार प्रतिमा का जीर्णोद्धार कराया।


यहां के लोग मंदोदरी को शहर की बेटी मानते हैं और रावण को जमाई। यही कारण है कि महिलाएं रावण की प्रतिमा के सामने से गुजरते समय घूंघट निकाल लेती हैं।मंदसौर में होती है रावण की पूजाऐसे मनाया जाता है यहां दशहरा दशहरे पर सुबह लोग ढोल-बाजे से साथ जाकर प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हैं वहीं शाम को गोधुलि वेला में रावण का प्रतीकात्मक वध किया जाता है। इतना ही नहीं वध के बाद महिलाओं द्वारा रावण की प्रतिमा पर प्रतीकात्मक रूप से पत्थर भी मारे जाते हैं। किसी को बुखार आने पर रावण की प्रतिमा के पैर में लच्छा (पूजा का धागा) बांधा जाता है, मान्यता है कि ऐसा करने से बीमारी ठीक हो जाती है। संतान प्राप्ति के लिए भी लोग रावण की पूजा करते हैं। 


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