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Sunday, December 29, 2019

सीआरपीएफ से बोले शाह-आप देश की सुरक्षा कीजिए, आपके परिवार की सुरक्षा व चिंता हम कर करेंगे




  • राष्ट्रीय समाचार03:05 pm रविवार 29 दिसंबर, 2019 नई दिल्ली दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के मुख्यालय का शिलान्यास किया। इस दौरान गृह मंत्री ने कहा कि 80 से 90 का दशक इस देश के अंदर अनेक प्रकार की विपदाएं लेकर आया, चाहे त्रिपुरा हो या पंजाब, हमारे देश के लोगों को ही गुमराह करके पडोसी देश ने आतंकवाद को हमारे देश में फ़ैलाने का काम किया। मुझे कहने में कोई झिझक नहीं है कि आज इन दोनों राज्यों से आतंकवाद का पूर्ण रूप से सफाया किया जा चुका है, इसमें सीआरपीएफ का बहुत अहम् योगदान है।उन्होंने कहा कि आप देश की सुरक्षा कीजिए, आपके परिवार की चिंता और सुरक्षा हम करेंगे। शाह ने कहा कि गृहमंत्री बनने के बाद मैं सीआरपीएफ को करीबी से देख रहा हूं। सीआरपीएफ दुनिया का सबसे बड़ा सशस्त्र बल तो है ही, साथ ही दुनिया का सबसे बहादुर सशस्त्र बल भी है। इसके इतिहास को खंगाले तो इसकी कई गाथाएं बताई जा सकती हैंढेर सारे अभियानों और ढेर सारी मुहिमों में CRPF के 2184 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान मां भारती की सुरक्षा और सम्मान के लिए दिया है। 21 अक्तूबर 1959 को सीआरपीएफ के सिर्फ 10 जांबाजों ने ऑटोमेटिक हथियारों से लैस चीन की टुकड़ी का सामना किया और अपनी आहुति दी। इसलिए 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।गृहमंत्री ने कहा कि सभी सुविधाओं से लैस मुख्यालय जब CRPF को मिलेगा, तो मुझे पूरा यकीन है कि आपकी क्षमता, आपकी सुसज्जता और आपकी सतर्कता तीनों में ढेर सारी बढ़ोतरी होगी। जो आपको ड्यूटी परफॉर्म करने में मददगार साबित होगीआप देश की सुरक्षा कीजिए, आपके परिवार की चिंता और सुरक्षा हम करेंगेप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सशस्त्र बलों के जवानों के लिए एक सूत्र अपनाया है कि आप देश की सुरक्षा कीजिए, आपके परिवार की चिंता और सुरक्षा हम करेंगे। सीआरपीएफ जवानों को ड्यूटी के दौरान हवाई यात्रा की जो अनुमति दी गई है, उससे उनका मनोबल जरूर बढ़ा हैशाह ने कहा कि हमने तय किया है हर सशस्त्र बल का हर जवान साल में 100 दिन अपने परिवार के साथ बिता सके, ताकि वो सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर सके। इसके लिए हम रणनीति बना रहा हैं। हमने तय किया है जवानों के साथ-साथ उसके मां-बाप, पत्नी और बच्चों को भी स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा दी जाए। हर जवान को ऐसा हेल्थ कार्ड देने की योजना पर काम चल रहा है। गृह मंत्रालय एम्स के साथ मिलकर इस पर काम कर रहा है।देश में किसी भी प्रकार के दंगे हुए हो तो उन्हें भी सीआरपीएफ नियंत्रित करती है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र हो, जहां आदिवासी तबके को विकास से महरूम रख कर, सरकार के खिलाफ उन्हें गुमराह करने का प्रयास चल रहा है तो वहां भी सीआरपीएफ ही उनका सामना करती है। चाहे अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए अभेद घेरा बनाने की बात हो, संसद को सुरक्षा प्रदान करने की बात हो, दंगा फैलाकर शांति भंग करने के षड्यंत्र को नाकाम करना हो, इन सभी में सीआरपीएफ का अहम योगदान है।




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