मन की बात में बोले पीएम मोदी- देश के युवाओं को अराजकता, जातिवाद और परिवारवाद से नफरत - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, December 29, 2019

मन की बात में बोले पीएम मोदी- देश के युवाओं को अराजकता, जातिवाद और परिवारवाद से नफरत




  • मुख्य समाचार

  • राष्ट्रीय06:32 am रविवार 29 दिसंबर , 2019 नई दिल्ली 2019 में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरी बार मन की बात कार्यक्रम किया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने युवाओं को बधाई देते हुए की। उन्होंने कहा कि हमारी ये पीढ़ी बहुत की प्रतिभाशाली है। भारत के युवा हर दिन कुछ नया करना चाहते है। आज के युवा एक बेहतर सिस्टम पंसद करते हैं और अगर कोई सिस्टम सही से काम न करे तो वे बेचैन हो जाते हैं। मैं इसे अच्छा मानता हूं। नई पीढ़ी को अराजकता पसंद नहीं है। अव्यवस्था, अराजकता के प्रति उन्हें चिढ़ है। जातिवाद, परिवारवाद जैसी अव्यवस्था को वो पसंद नहीं करते हैं।पीएम मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि देश का युवा अराजकता पसंद नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अव्यवस्था और अस्थिरता के प्रति देश के युवा के मन में चिढ़ है। पिछले दिनों सीएए को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों में छात्रों का जिक्र आने के बाद पीएम का यह संबोधन उस संदर्भ में देखा जा रहा है।पीएम मोदी ने कहा, 'आने वाले दशक को गति देने में वे लोग ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएंगे जो जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है। जो इस सदी के महत्वपूर्ण मुद्दों को समझते हुए बड़े हुए हैं। ऐसे युवाओं को आज बहुत सारे नामों से पहचाना जाता है। कुछ लोग इन्हें मिलेनियल कहते हैं तो कुछ जेन जेड या जनरेशन जेड के नाम से जानते हैं। एक बात तो लोगों के दिमाग में फिट हो गई है कि ये सोशल मीडिया जनरेशन है। हम सब अनुभव करते हैं कि हमारी यह पीढ़ी बहुत प्रतिभाशाली है। कुछ अलग करने का उसका ख्वाब रहता है।'पीएम ने कहा, 'इस पीढ़ी की अपनी सोच भी होती है। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि इन दिनों युवा सिसस्टम को पसंद करते हैं। वे सिस्टम को फॉलो करना भी पसंद करते हैं, लेकिन अगर सिस्टम कहीं ठीक ढंग से रेस्पॉन्ड न करे तो वे बेचैन भी हो जाते हैं और हिम्मत के साथ सिस्टम को सवाल भी करते हैं। मैं इसे बेहद अच्छा मानता हूं। एक बात तो तय है कि हमारे देश के युवाओं को अराजकता के प्रति नफरत है। अव्यवस्था और अस्थिरता के प्रति उनके मन में चिढ़ है। वे परिवारवाद, जातिवाद, अपना-पराया, स्त्री-पुरूष जैसे भेदभाव को पसंद नहीं करते हैं।'पीएम ने कहा, 'ऐसा कई बार देखा गया है कि एयरपोर्ट पर या सिनेमा हॉल में कोई कतार तोड़ने की कोशिश करता है तो सबसे पहले युवा ही इसका विरोध करते हैं। यह एक नई प्रकार की व्यवस्था, नए प्रकार का युग है। आज भारत को इस पीढ़ी से बहुत उम्मीद है। स्वामी विवेकानंद ने भी युवाओं में ही विश्वास जताया था। इन्हीं मे से मेरे कार्यकर्ता निकलेंगे।'बता दें कि पिछले दिनों नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने काफी उग्र प्रदर्शन किया था।




Post Top Ad