मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Monday, August 31, 2020

प्रशांत भूषण बोले, एक रुपया जुर्माना भी भरूंगा और पुनर्विचार याचिका भी दायर करूंगा, *************************** सोमवार 31 अगस्त 2020 | नई दिल्ली (मानवी मीडिया): सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने एक प्रैस वार्ता करके कहा कि उनके ट्वीट्स का उद्देश्य अदालत या मुख्य न्यायाधीश का अपमान करना नहीं था। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में पुनर्विचार याचिका भी दायर करेंगे। भूषण ने कहा कि वह एक रुपये का जुर्माना भी भरेंगे और फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका भी दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि अदालत उन्हें जो सजा देगी, वो उसे स्वीकार करेंगे।उन्होंने कहा, 'मैंने जो ट्वीट किए वो मेरी खुद की पीड़ा व्यक्त करने के लिए थे। यह अभिव्यक्ति की आजादी के संबंध में शानदार पल है और लगता है कि इसने कई लोगों को अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया है।' इससे पहले न्यायाधीश अरुण मिश्रा की पीठ ने आज प्रशांत भूषण अवमानना मामले पर यह आदेश दिया ,जिसमें उनपर एक रुपये का जुर्माना लगाया गया था और दंड की राशि अदा नहीं करने पर उन पर तीन वर्ष वकालत पर रोक लगाने और तीन माह की सजा शामिल थी। अधिवक्ता न्यायपालिका के खिलाफ ट्वीट करने के लिए दोषी ठहराए गए थे। न्यायाधीश मिश्रा, बी आर. गवई और कृष्ण मुरारी की पीठ ने 25 अगस्त को प्रशांत भूषण के अपने ट्वीट्स के लिए माफी मांगने से मना करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने प्रशांत भूषण के ट्वीट के लिए माफी मांगने से मना करने का उल्लेख करते हुए कहा, “माफी मांगने में क्या गलत है? क्या यह शब्द इतना खराब है?” सुनवाई के दौरान पीठ ने प्रशांत भूषण को ट्वीट पर खेद व्यक्त नहीं करने के लिए अपने रुख पर विचार करने के लिए 30 मिनट का समय भी दिया था। खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन देश के आर्थिक एवं राजनैतिक क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति - आनंदीबेन पटेल *************************** सोमवार 31 अगस्त, 2020 लखनऊ ( मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि महान व्यक्तित्व एवं कृतित्व के धनी श्री प्रणब मुखर्जी को आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त थी। उन्होंने देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में अनेक ऐतिहासिक एवं नीतिगत निर्णय लिए। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे महान व्यक्ति का निधन वास्तव में देश के आर्थिक एवं राजनैतिक क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। आनंदीबेन पटेल ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना एवं सहानुभूति व्यक्त की है।

प्रणव मुखर्जी का निधन, आर्मी अस्पताल में ली अंतिम सांस, ***************** सोमवार 31 अगस्त 2020 | नई दिल्ली (मानवी मीडिया): पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी (84) का सोमवार शाम को निधन हो गया। पूर्व राष्ट्रपति के पुत्र एवं पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। वह 84 वर्ष के थे और कईं दिनों से सेना के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती थे।उन्होंने कहा, भारी मन से आपको सूचित कर रहा हूं कि रिसर्च एंड रेफेरल अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों तथा देश भर के लोगों की प्रार्थनाओं एवं दुआओं के बावजूद मेरे पिता श्री प्रणव मुखर्जी का अभी कुछ क्षण पहले देहांत हो गया है। मुखर्जी ने कहा कि वह दोनों हाथ जोड़ कर लोगों काे धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। इससे पहले, प्रणब मुखर्जी का स्वास्थ्य और खराब हो गया था। अस्पताल ने बताया था कि उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा है। सेप्टिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं। बता दें प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को दिल्ली कैंट स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुखर्जी के मस्तिष्क में खून के थक्के जमने के बाद उनका ऑपरेशन किया गया था। अस्पताल में भर्ती कराए जाने के समय वह कोविड-19 से भी संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें श्वास संबंधी संक्रमण हो गया था। मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में वर्ष 2012 से 2017 तक पद पर रहे। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं। खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇

आपदा नियंत्रण केन्द्र ' राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क करें -राहत आयुक्त संजय गोयल *********************** सोमवार: 31 अगस्त, 2020 लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आज लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने समस्त जिला अधिकारियों को निर्देश दिये है कि बाढ़ राहत कार्याें को शीर्ष प्राथमिकता पर करने के साथ-साथ बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वें तत्काल करा लिया जाए तथा जिन कृषकों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं, उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किये जाने पर भी बल दिया। गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 12 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की 17 टीमें इस प्रकार कुल 29 टीमें तैनाती की गयी है। 410 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है। गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,79,649 खाद्यान्न किट व 3,20,353 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 350 मेडिकल टीम लगायी गयी है। गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर) के 653 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 500 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,34,274 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4764 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है। खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇

राष्ट्रीय नियुक्ति एजेंसी नया ‘गेम चेंजर’ साबित होगी: सिंह, ************************ सोमवार 31 अगस्त 2020 | नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि हाल ही सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय नियुक्ति एजेंसी देश में नया ‘गेम चेंजर’ साबित होगी और इससे लोगों को रोजगार मिलने में मदद होगी। पूर्वोत्तर राज्यों के विकास मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज यहां कोलकत्ता पीआईबी द्वारा आयोजित एक वेबिनार में भाग लेते हुए यह बात कही।उन्होंने कहा कि इस एजेंसी के जरिए गांव और शहरों में बेरोजगार लोगों को नौकरियां मिलेंगी और यह देश के भविष्य को बदलनेवाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस एजेंसी से नियुक्ति प्रणाली में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है और और युवकों को रोजगार दिलाने में सहायक साबित होगा । रोजगार मिलने से युवकों की जीवन शैली में सुधार होगा तथा उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी डॉ सिंह ने बताया कि इस एजेंसी से न केवल सरकारी क्षेत्र में सुधार होगा बल्कि सामाजिक आर्थिक सुधार भी लाएगा। सर्विस सिलेक्शनकमीशन के पूर्व अध्यक्ष ब्रज राज शर्मा ने कहां कि इस एजेंसी को लोगों की नौकरी और रोजगार के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन रेलवे नियुक्ति बोर्ड और बैंकिंग कर्मचारी नियुक्ति संस्थान समान योग्यता जांच से इसकी शुरुवात कर सकता है। देश के 117 आकांक्षी जिलों में इस एजेंसी के जरिये बलदेव लाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इन जिलों में महिलाओं दिव्यांगों और ग्रामीण इलाकों के लोगों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है । रेलवे बोर्ड के पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रेमपाल शर्मा ने इन आकांक्षी जिलों में परीक्षा आयोजित करने की चुनौतियों का जिक्र किया और कहा कि इसके लिए अधिक जागरूकता और लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है ताकि इन जिलों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो तथा वे सामान्य योग्यता परीक्षा पास कर सकें। रेलवे मंत्रालय के औद्योगिक संबंध सलाहकार ए निगम पीआईबी रांची के अतिरिक्त महानिदेशक अरिमर्दन सिंह एवं अन्य ने संबोधित किया। खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत और बिगड़ी, फेफड़ों में संक्रमण के कारण आया सेप्टिक शॉक,******************* सोमवार 31 अगस्त 2020 | नई दिल्ली (मानवी मीडिया): पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत और बिगड़ गई है। वह दिल्ली स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पताल की तरफ से बताया गया है कि उनके फेफड़ों में संक्रमण की वजह से वह सेप्टिक शॉक में हैं। प्रणब मुखर्जी की इस महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह कोमा में हैं अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पूर्व राष्ट्रपति की सेहत में कल के मुकाबले गिरावट आई है। कल से उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है। बयान में कहा गया है कि मुखर्जी की विशेष टीम द्वारा निगरानी की जा रही है। वे लगातार गहरे कोमा में हैं और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। -बता दें कि बीते दिनों पूर्व राष्ट्रपति की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती के दौरान की गई जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी। बाद में उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया। अस्पताल की ओर से बताया गया था कि उनके गुर्दे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी साल 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे थे खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपये का जुर्माना, ************************* सोमवार 31 अगस्त 2020 | नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर उन्हें तीन महीने की सजा होगी और 3 साल तक के लिए वकालत पर रोक लग जाएगी। बताया जा रहा है कि भूषण आज शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने आगे की रणनीति का खुलासा करेंगे। सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि भूषण ने अपने बयान को पब्लिसिटी दिलाई उसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया। कोर्ट ने फैसले में भूषण के कदम को सही नहीं माना। पीठ ने प्रशांत भूषण के ट्वीट के लिए माफी मांगने से इनकार करने का जिक्र करते हुए कहा, माफी मांगने में क्या गलत है? क्या यह शब्द इतना बुरा है? सुनवाई के दौरान पीठ ने भूषण को ट्वीट के संबंध में खेद व्यक्त नहीं करने के लिए अपने रुख पर विचार करने के लिए 30 मिनट का समय भी दिया था बताते चलें कि 25 अगस्त को जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी ने प्रशांत माफी मांगने से इनकार करने के बाद उनकी सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी सजा के खिलाफ तर्क दिया है। यह देखते हुए कि न्यायाधीश "स्वयं की रक्षा करने या समझाने के लिए प्रेस के पास नहीं जा सकते हैं," अदालत ने प्रशांत भूषण की प्रतिष्ठा का हवाला देते हुए कहा, "अगर इनकी जगह कोई और होता, तो इसे नजरअंदाज करना आसान होता।" खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇

Post Top Ad