अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव- - मानवी मीडिया

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Friday, May 5, 2023

अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव-


लखनऊ (मानवी मीडिया)अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान प्रांगण में बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर धम्मचक्र प्रवर्तन द्वारा नवयुगारम्भ महोत्सव का आयोजन दिनांक 05 मई, 2023 को संस्थान परिसर में संस्थान के अध्यक्ष भदंत शांति मित्र की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का आरंभ भगवान बुद्ध जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन, पुष्पांजलि तथा बुद्ध वंदना के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  जयवीर सिंह, मंत्री, संस्कृति एवं पर्यटन, उत्तर प्रदेश सरकार थे। कार्यक्रम में सभी जातियों, सभी धार्मिक मतों एवं सभी पंथो के धर्मगुरुओं एवं उपासकों द्वारा धार्मिक ध्रुवीकरण अभियान को और सक्रिय बनाने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के गांव स्तर तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विद्वान एवं श्रोता ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से सहभागिता की। इस कार्यक्रम में अध्यक्ष माननीय भदंत शांति मित्र जी, मुख्य अतिथि, माननीय मंत्री, श्री जयवीर सिंह जी, उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अभय कुमार जैन, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के उपाध्यक्ष हरगोविंद बौद्ध, संस्थान के सदस्य भंते शील रतन जी, भंते देवानंद वर्धन , तरुणेश,  धर्मराज बौद्ध जी और अन्य विद्वानों में  डी0 पी0 सिंह, ,सरदार मंजीत सिंह,  सुशील जैन मोदी, प्रोफेसर अवधेश कुमार चौबे, संस्थान के निदेशक डॉ0 राकेश सिंह , महर्षि योगी संस्थान से  अरुणेश , डॉ० धीरेन्द्र सिंह आदि अनेक विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए। अपने अध्यक्षीय भाषण में भदंत शांति मित्र जी ने कहा कि समाज के सभी पंथों के धर्मगुरुओं को मिलकर समाज में एकता का संदेश देना चाहिए तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में सहयोग देकर भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  मंत्री,  जयवीर सिंह  ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब संपूर्ण विश्व बारूद के ढेर पर बैठा है, ऐसे में सभी पंथों के धर्म गुरुओं की महत्ता बढ़ जाती है, जिनका उद्देश्य मानव कल्याण व सामाजिक एकता स्थापित करना है। आपने कहा कि दुनिया ने युद्ध दिया जबकि भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया है, हम सभी को वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को ध्यान में रखकर समाज में एकता समरसता बढ़ाते हुए भारत को विकसित देश बनाना है। प्रोफेसर डॉक्टर अभय कुमार जैन ने कहा कि भगवान बुद्ध ने समाज को सत्य, अहिंसा, मानव कल्याण तथा सहिष्णुता का संदेश दिया,  हम सभी को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाकर समन्वयवादी बनना चाहिए तथा राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए।
संस्थान के उपाध्यक्ष  हरिगोविंद बौद्ध  ने भगवान बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अष्टांगिक मार्ग व मध्यम मार्ग के महत्व को बताया तथा अप्प दीपो भवः अर्थात अपना प्रकाश स्वयं बनो पर बल दिया। बहाई संप्रदाय से सीएमएस की संस्थापक श्रीमती भारती गांधी ने कहा कि सभी पंथो के धर्म गुरुओं का लक्ष्य समाज में एकता का संदेश देना है। भंते देवानंद वर्धन जी ने बताया कि भगवान बुद्ध के जीवन की तीन प्रमुख घटनाएं उनका जन्म उनका ज्ञान तथा महापरिनिर्वाण की प्राप्ति पूर्णिमा के दिन ही हुई थी।  भंते शील रतन रतन जी ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाकर मानव कल्याण करने की बात कही।  तरुणेश   ने सामाजिक एकता समरसता की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री अरुणेश जी ने कहा कि सभी पंथो के गणमान्य नागरिकों को साथ मिलकर समाज में एकता समरसता की भावना फैलाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए। संस्थान के निदेशक डॉ राकेश सिंह जी ने संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान भगवान बुद्ध के संदेशों को गांव-गांव तक पहुंचा कर वर्तमान सरकार के लक्ष्य के अनुरूप राष्ट्र निर्माण के विकास के लिए सभी पंथो के धर्मगुरुओ से मिलकर विपश्यना, ध्यान योग के माध्यम से सामाजिक एकता, व समरसता बढ़ाकर मानव एकता एवं मानव मूल्यों की रक्षा में तत्पर है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर एक अन्य कार्यक्रम में जंबूद्वीप श्री लंका बुद्धिस्ट टेंपल, सारनाथ, वाराणसी में जहां बुद्ध ने प्रथम उपदेश धर्म चक्र प्रवर्तन दिया था के साथ संयुक्त रूप से आज के ही दिन 05 मई को बुद्ध जयंती मना रहा है इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ0 के0 सिरी सुमेध थेरो कर रहे है। अंत में निदेशक संस्थान, डॉ0 राकेश सिंह ने कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों, बौद्ध भिक्षुओं, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों एवं विद्वानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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