लखनऊ के ‘अनोखा मॉल’ से FREE में मिल रहे कपड़े और जूते - मानवी मीडिया

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Sunday, January 22, 2023

लखनऊ के ‘अनोखा मॉल’ से FREE में मिल रहे कपड़े और जूते


लखनऊ: (
मानवी मीडिया लखनऊ के रहीमनगर इलाके में एक मॉल (अनोखा मॉल) ऐसा भी है, जहां जरूरतमंद लोग बिना किसी झिझक के जा सकते हैं और अपने लिए ऊनी कपड़े ले सकते हैं, वो भी कोई भुगतान किए बगैर। लोगों के जरिए दान किए गए ये कपड़े रिक्शा चालकों, मजदूरों, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों और समाज के अन्य वंचित वर्गों को सर्दियों के महीनों में ठंड से लड़ने में मदद करते हैं। ‘अनोखा मॉल’ साल के तीन महीने (दिसंबर, जनवरी और फरवरी) चलता है और दानदाताओं से इकट्ठा किए गए ऊनी कपड़ों की पेशकश गरीबों को करता है। यह सिलसिला पिछले पांच वर्षों से चल रहा है।

मॉल का संचालन करने वाले डॉ. अहमद रजा खान ने बताया, “अन्य स्थानों और अवसरों पर, जहां जरूरतमंदों को ऊनी कपड़े वितरित किए जाते हैं और जहां लोग आमतौर पर उन्हें स्वीकार करने में संकोच करते हैं। इसके विपरीत, अनोखा मॉल में ऊनी कपड़े लेने की चाह रखने वाला व्यक्ति ऐसे प्रवेश कर सकता है, जैसे वह किसी शॉपिंग मॉल में खरीदारी करने जा रहा हो और अपनी पसंद के कपड़ों, जूतों आदि को नापकर ले सकता है।” खान के मुताबिक, अनोखा मॉल में दानदाताओं के साथ-साथ कपड़े, जूते आदि लेने वालों का भी उचित रिकॉर्ड रखा जाता है। उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि कोई भी जरूरतमंद लोगों की मदद करने वाले इस मॉल का अनुचित लाभ न उठा सके। अतीत में, कुछ लोग यहां से कपड़े लेकर गए थे और उन्हें बाजार में बेच दिया था।” खान के अनुसार, अनोखा मॉल में गरीबों के लिए कपड़े, सैंडल, सूटकेस, स्कूल यूनिफॉर्म, कंबल और रजाई भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि मॉल में दान देने वालों में ज्यादातर डॉक्टर शामिल हैं।

पिछले साल 4 हजार लोगों को दिए गए कपड़े

अहमद खान ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करते हैं कि कपड़े और अन्य सामान साफ और इस्तेमाल के लायक हों।” उन्होंने बताया, “चार कर्मचारी रोजाना सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक अनोखा मॉल का संचालन करते हैं। पिछले साल करीब 3,000 से 4,000 लोगों ने इस मॉल से कपड़े लिए थे। कपड़े लेने वालों में ज्यादातर रिक्शा चालक, मजदूर और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग शामिल हैं।” मॉल के नाम के बारे में खान ने कहा, “अनोखा का मतलब सबसे अलग होता है। यह एक ऐसा मॉल है, जहां आप अपने कपड़े दान कर सकते हैं और कपड़े ले भी सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां आप किसी के सामने हाथ नहीं फैलाते हैं।”

अनोखा मॉल की लोगों ने की जमकर तारीफ

48 वर्षीय खान ने कहा कि शुरू में लोगों को कपड़े दान करने के लिए प्रेरित करना मुश्किल था, लेकिन एक बार जब उन्हें इस पहल के पीछे के सही मकसद का एहसास हुआ, तो उन्होंने पूरे दिल से इसका समर्थन किया। आईआईएम रोड निवासी भास्कर सिंह ने इस पहल की तारीफ करते हुए कहा, “अनोखा मॉल मुझे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविता ‘व्हेयर द माइंड इज विदाउट फियर एंड हेड इज हेल्ड हाई’ की पंक्तियों की याद दिलाता है। इस पहल की सराहना की जानी चाहिए।" वहीं, विकास नगर के रहने वाले निशांत ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “अंतत: अनोखा मॉल में कपड़े दान किए। यह निश्चित रूप से एक अनूठा मॉल है, क्योंकि जरूरतमंदों को मांगने के लिए हाथ नहीं फैलाने पड़ते। वे बिना किसी कैमरे का विषय बने और बिना कोई भुगतान किए जरूरत के अनुसार अपनी पसंद के कपड़े या जूते ले सकते हैं।

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