समझ में नहीं आता है कि गड्ढा मुक्त करने की मुहिम में करोड़ों रूपए कहां खर्च हो गए? भाजपा राज में सड़कों की दुर्दशा में कोई बदलाव नहीं आया है। खुद सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है। आए दिन सड़क के गड्ढो में फंसकर गाड़ियां पलट रहीं और दुर्घटनाओं में रोज सैकड़ों लोग घायल हो रहे हैं या उनकी मौतें हो रही है।
विडम्बना तो यह है कि लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग, जिस पर रोज मंत्रियों, बड़े अफसरों का आना-जाना रहता है, की सड़क ऐसी ऊंची-नीची बना दी गई है जो सफर में झूला झूलने का अनुभव कराती है। हो सकता है बदले की भावना से ऐसी गड़बड़ सड़क बनाई गई हो, क्योंकि इसी मार्ग पर समाजवादी पार्टी का प्रदेश मुख्यालय भी है।
भाजपा नेता अपने विकास का खूब ढिंढोरा पीटते नहीं अघाते लेकिन पूछने पर विकास के चार काम भी नहीं गिना पाते हैं। जो सड़कें और एक्सप्रेस-वे भाजपा सरकार में बने हैं वे सभी घटिया निर्माण साबित हुए हैं। कहीं सड़क धंस गई, कहीं उद्घाटन के बाद ही सड़क उखड़ने लगी। इसके मुकाबले समाजवादी सरकार में जो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बना, उसकी गुणवत्ता के सभी कायल हैं। इस पर वायु सेना के सुखोई विमान भी उतर चुके हैं। विकास के इस मानक के आगे भाजपा के निर्माण कहीं गिनती में नहीं आते हैं।
समाजवादी सरकार ने काम किए, उसके काम बोलते है, भाजपा सरकार ने कोई काम खुद करने के बजाय समाजवादी सरकार के कामों पर ही अपना ठप्पा लगाने का काम किया है। भाजपा राज में महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है।